हिदुस्तान 24 टीबी न्यूज़ चीफ विजय सिंघल
मथुरा। सर्दियां शुरू होने के साथ ही कोहरा छाने लगा है। इसके चलते यमुना एक्सप्रेस-वे पर सफर खतरनाक हो गया है। आगरा से नोएडा वाया मथुरा-हाथरस-अलीगढ़ यमुना एक्सप्रेस-वे पर हादसों पर ल गाम लगाने के लिए परिवहन मंत्रालय ने विभिन्न चरणों में इस पर दौड़ने वाले वाहनों की गति पर लगाम लगाई। इससे हादसों की रफ्तार कुछ हद तक थमी है, लेकिन पूरी तरह से नहीं। इस मार्ग पर होने वाले हादसों की जांच के लिए क्रैश इन्वेस्टीगेशन प्लान 2021 में आया था। वह अब तक फाइलों से बाहर नहीं निकल सका है। हादसे कम करने के लिए 15 दिसंबर से हर साल कोहरे के कारण एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की रफ्तार कम की जाती है। यमुना एक्सप्रेस-वे को 2012 में परिचालन में लाया गया। आगरा से नोएडा तक इसकी लंबाई 165 किलोमीटर और चौड़ाई 100 मीटर है। आगरा से होकर मथुरा, हाथरस, अलीगढ़ व गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) तक जाने वाले इस एक्सप्रेस-वे के परिचालन में आने के बाद अब तक 8 हजार से अधिक हादसे हो चुके हैं। उप्र सरकार ने 2021 में दिल्ली की सेव लाइफ फाउंडेशन के साथ मिलकर एक करार किया था, जिसके तहत विमान हादसों की तर्ज पर वाहन हादसों की क्रैश इन्वेस्टीगेशन कराने का निर्णय लिया।पांच जिलों से होकर गुजरने वाले इस एक्सप्रेस-वे पर हादसों की जांच के लिए परिवहन विभाग और यातायात पुलिस ने हर जिले में अलग-अलग नोडल अधिकारी बनाए। एक्सप्रेस-वे क्षेत्र के पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाना तय हुआ, लेकिन अब तक कागजों में ही सीमित हैं। इधर, एक्सप्रेस-वे पर वाहन चालकों को ओवर स्पीड में वाहन चलाने पर चालान करने का डर दिखाया जा रहा है। मगर, एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण की ओर से इस संबंध में मथुरा जिले की ट्रैफिक पुलिस या फिर परिवहन विभाग को ओवर स्पीड में गुजरने वाले वाहनों का डाटा नहीं भेजा रहा है। अप्रैल से डाटा भेजा जाना बंद है। एसपी ट्रैफिक की ओर से इस संबंध में प्राधिकरण को पत्र भी लिखा गया है। क्रैश इन्वेस्टिगेशन प्लान के तहत घटनास्थल की फोरेंसिक रिपोर्ट तैयार की जाती है। हादसे के पीछे की वजह जानने के लिए दुर्घटनाग्रस्त वाहन की तकनीकी जांच होती है। सड़क की लंबाई, चौड़ाई, ऊंचाई और उसे बनाने में इस्तेमाल किए मैटेरियल पर रिसर्च की जाती है। इन सब चीजों के आधार पर एक हादसे के हर पहलू पर बारीकी से रिपोर्ट तैयार होती है। उस रिपोर्ट के आधार पर भविष्य में वाहनों से लेकर सड़क व चालकों की ट्रेनिंग में सुधार के लिए सुझाव दिए जाते हैं। मांट। कोहरे ने यमुना एक्सप्रेस वे वाहनों की संख्या में कमी ला दी है। बृहस्पतिवार को वाहनों की संख्या और उनकी रफ्तार में कमी देखी गई। सुबह अचानक घना कोहरा छाया, जिससे वाहन रेंग-रेंग कर चले। यमुना एक्सप्रेस-वे के एक अधिकारी ने बताया कि घना कोहरा होने की वजह से वाहनों की संख्या भी कम हुई और दृश्यता मात्र 10 मीटर रही। इससे वाहन चालकों को गंतव्य तक पहुंचने में काफी समय लगा। देवेश कुमार शर्मा, एसपी ट्रैफिक ने कहा क्रैश इन्वेस्टिगेशन के संबंध में कोई भी प्रशिक्षण देने संबंधी पुलिस को जानकारी नहीं दी गई है। यमुना एक्सप्रेस-वे पर काटे जा रहे चालान का डाटा भी अप्रैल से नहीं भेजा जा रहा है।
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Author: Vijay Singhal
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