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फालैन में धधकते अंगारों से निकलने को तैयार मोनू पंडा

ByVijay Singhal

Mar 24, 2024
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हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। कोसीकलां के फालेन में प्रह्लाद लीला को साकार करने के लिए होली की जलती लपटों से निकलने की परंपरा को जीवित रखने वाले गांव फालैन में ग्रामीण होली मेले की तैयारियां करने में जुटे हैं। मोनू पंडा 25 मार्च की तड़के 4 बजे होली की लपटों से निकलेगा। गांव फालैन में प्रह्लाद और होलिका दहन की पौराणिक गाथा की परंपरा एक बार फिर जीवंत होगी। होलिका के दहकते अंगारों के बीच गुजरने के लिए आस्था की अग्निपरीक्षा देने को मोनू पंडा एक माह के कठोर तप पर बैठा है। होलिका दहन के दिन जब दीपक की लौ उनकी हथेली को शीतलता का एहसास कराएगी तब पंडा के कदम होलिका की लपटों को चीरते हुए आगे बढ़ जाएंगे। होलिका दहन के दिन मोनू पंडा मंदिर की ज्योति पर हाथ रख शुभ लग्न के संकेत मिलने का इंतजार करेगा। जैसे ही 20 फुट चौड़ी और 14 फीट ऊंची होलिका की लौ से शीतलता का आभास होगा। पंडा के इशारे पर होलिका में अग्नि प्रवेश करा दी जाएगी। इसके बाद प्रह्लाद कुंड में स्नान कर पंडा होलिका के दहकते अंगारों के बीच से गुजरेगा। ग्रामीण चरण सिंह का कहना है कि पंडा के अग्नि से निकलने से पूर्व उसकी बहन दूध की धार चढ़ाती है जिससे अग्नि और अधिक शीतल हो जाती है।

फालैन के पंडा मेले में हुरियारों की टोलियां गांव पहुंचेंगी, जहां ढोल-नगाड़ों के मध्य गाय की गली-गली में चौपाइयों का गायन कर रंग-गुलाल की बरसात कर आसमान को इंद्रधनुषी रंग में रंग देंगे। मेले में गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण हिस्सा लेंगे। पंडा पुरोहित भगवान सहाय का कहना है कि एक बार नाम तय होने के बाद वसंत पंचमी के बाद आने वाली पूर्णिमा को चयनित किए पंडा को एक माला दी जाती है। इस माला को लेकर चयनित किया गया पंडा उसी माला को लेकर गांव में स्थित प्रह्लाद मंदिर पर माला लेकर भजन पूजा के लिए बैठ जाता है। इस बार मोनू पंडा 25 मार्च की तड़के 4 बजे अग्नि से निकलेगा।

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Vijay Singhal
Author: Vijay Singhal

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