हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। किसानों को बिना खतौनी दिखाए दुकानों पर खाद नहीं मिल सकेगी। खतौनी दिखाने पर खेत की आवश्यकता अनुसार किसान को खाद दी जाएगी। जनपद में खाद की कालाबाजारी को रोकने के लिए डीएम पुलकित खरे ने यह कदम उठाया है। जो सोमवार से लागू हो गया है। डीएम ने आदेश निजी, थोक की दुकानें और सहकारी समितियों को भेज दिया। खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए डीएम ने सोमवार को सभी ३७५ निजी खाद विक्रेताओं, ६ थोक विक्रेता और सहकारी समितियों को आदेश भेजा है। इसमें कहा है कि किसानों को खतौनी के आधार पर खाद का वितरण किया जाए। खतौनी में जितना खेत किसान के पास होगा उतना ही खाद दिया जाएगा।
जिला कृषि अधिकारी एके सिंह ने बताया कि डीएम के निर्देशों का पालन कराया जाएगा। बताया कि एक बीघा आलू के लिए दो बैग डीएपी, एक बीघा गेहूं के लिए एक बैग तथा एक बीघा धान के लिए एक बैग डीएपी की आवश्यकता होती है। फसलों के मानक अलग-अलग होते हैं। इन्हीं के आधार पर डीएपी दी जाएगी। किसानों की आय बढ़ाने को बैठक की गई। डीएम पुलकित खरे ने कृषि उत्पादक संगठनों के कार्यों की समीक्षा हेतु मॉनिटरिंग समिति की बैठक ली। उप निदेशक कृषि ने बताया कि कृषि उत्पादन संगठन खेती से जुड़े ढांचागत सुविधाओं जैसे कोल्ड स्टोरेज, प्रोसेसिंग यूनिट, वेयरहाउस, पैकेजिंग यूनिट, राइस मिल, ऑयल मिल आदि के लिए एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड का लाभ ले सकते हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि कृषि उत्पादन संगठन व्यवसायिक कृषि उत्पाद तैयार करें। जैसे जैविक खाद, सीड आदि की ब्रांडिंग करते हुए ई.कॉमर्स वेबसाइट पर उसकी बिक्री करें।
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Author: Vijay Singhal
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