मथुरा। बदलते मौसम के साथ अब मवेशियों (सूकर) में अफ्रीकन स्वाइन फीवर के लक्षण पाए गए हैं। गांव परखम में शनिवार को चार नए केस मिले हैं। तीन-चार दिन में 50 सूकर और कई मुर्गियों की मौत हो चुकी है। स्वाइन फीवर जैसे घातक वायरस के फैलने से पशुपालन और स्वास्थ्य विभाग में खलबली मची है। इसका फैलाव रोकने को दोनों विभागों के चिकित्सक की टीम गांव में कैंप कर परीक्षण कर रही है। एक सूकर के तीन नमूना जांच के लिए बरेली भेजे जाएंगे। सदर तहसील क्षेत्र के गांव परखम में तीन-चार दिन से सूकर मर रहे हैं। इनको तेज बुखार आ रहा है और शरीर के ऊपर बैंगनी रंग के चकत्ते निकल रहे हैं। संक्रमित सूकर के मल और शरीर के तरल पदार्थ के सीधे संपर्क में आने पर तेजी से फैलता है। असर्फी, भूरी, सूरज, राकेश, कालीचरन, गब्बर सिंह, सूरज, सत्तो, आकाश, सूरज, बदन सिंह, दयालू, प्रमोद, सुनील, ललुआ और विकास बाल्मीकि के 50 सूकरों की मौत हो गई। कई मुर्गियों की भी मौत हुई। मरने वाले मवेशियों को पहले तेज बुखार आया था। मुंह से झाग निकले और शरीर नीला पड़ गया। ग्रामीणों का कहना है, संक्रमित जानवरों पर कोई दवा असर नहीं कर रही।
प्रभारी मुख्य पशु चिकित्साधिकारी मनोज कुमार ने बताया, आज भी चार नए पशु संक्रमित पाए गए। एक पशु के तीन नमूना लिए गए हैं। इनको जांच के लिए बरेली भेजा जाएगा। जांच रिपोर्ट प्राप्त होने पर पता लग पाएगा कि यह स्वाइन फ्लू या स्वाइन फीवर। प्रारंभिक परीक्षण में ये स्वाइन फीवर के लक्षण प्रतीत हो रहे हैं। संक्रमित पशुओं का उपचार किया जा रहा है। शासन से टीकाकरण को 11 हजार डोज वैक्सीन की मांग की गई है। पशु चिकित्सक गांव में कैंप किए हुए हैं।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एके वर्मा ने बताया, स्वास्थ्य विभाग की टीम को गांव भेजा गया है। बीमार ग्रामीणों का परीक्षण कराया जा रहा है। किसी भी व्यक्ति में स्वाइन फ्लू और स्वाइन फीवर के लक्षण नहीं मिले हैं। स्थिति पर नजर रखी जा रही है। चिकित्सकों को अलर्ट कर दिया गया है। सूकरों की गंदगी से जो पानी दूषित हुआ था। उसकी निकासी के लिए पंपसेट लगा दिया गया है। सफाई के लिए 21 सदस्यीय टीम गठित कर परखम गांव में लगा दी गई है। जेसीबी से संक्रमित सूकर वाले स्थान की तेजी से सफाई कराई जा रही है। जिला पंचायत राज अधिकारी किरण चौधरी ने बताया, एंटी लार्वा और चूने का छिड़काव कराया जा रहा है। रविवार को मलेरिया विभाग से दवाएं मिल जाएंगी। पंचायत राज विभाग की टीम दवा का छिड़काव करेंगी। गांव में फागिंग भी कराई जाएगी। प्रभारी मुख्य पशु चिकित्साधिकरी डा. मनोज कुमार ने बताया, स्वाइन फीवर और स्वाइन फ्लू दोनों में अंतर है। स्वाइन फीवर का वायरस मानव में ट्रांसफर नहीं होता है, जबकि स्वाइन फ्लू मानव का वायरस मानव में ट्रांसफर हो जाता है।