हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी एवं कार्यसमिति का अधिवेशन देवघर बैद्यनाथ धाम झारखण्ड में प्रारम्भ हुआ। अधिवेशन का शुभारम्भ पूर्व मंत्री कृष्णानन्द झा ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक चतुर्वेदी ने की । तत्पश्चात अधिवेशन आयोजक एवं स्थानीय समिति पंडा श्री धर्म रक्षिणी सभा के अध्यक्ष प्रो. डा सुरेश भारद्वाज ने स्वागत भाषण किया। अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारणी की दो दिवसीय बैठक झारखंड के बैजनाथ धाम में आयोजित की गई है। इस बैठक में मथुरा,वृंदावन के तीर्थ पुरोहित के साथ साथ देश भर के 84 तीर्थों से तीर्थ पुरोहित शामिल हुए हैं। बैठक में तीर्थ पुरोहित समाज के समक्ष आ रही समस्याओं को लेकर देश भर से जुटे तीर्थ पुरोहित मंथन कर रहे हैं।
अधिवेशन का संचालन महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नवीन नागर ने किया। अधिवेशन में देशभर के सभी प्रमुख तीर्थ प्रयागराज, काशी, मथुरा, कुरुक्षेत्र, वृन्दावन, हरिद्वार, उज्जैन, राजगिरी, सोमनाथ, द्वारिका, जगन्नाथपुरी, अयोध्या, मिश्रिख, नैमिशारण्य, बिठूर, औरंगाबाद, नाशिक, त्रयम्बकेश्वर, रामेश्वरम, जम्मू कश्मीर, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, गया, बासुकीनाथ, पुष्कर, कांचीकामकोट पीठ, पनकी कानपुर, कांगड़ा , ज्वालादेवी, सहित अन्य सभी तीर्थों से लगभग छ: सौ की संख्या में तीर्थ पुरोहितों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। अधिवेशन के प्रथम दिवस के सत्र में मुख्य अतिथियों ने भारत वर्ष से पधारे सभी तीर्थ पुरोहितों का आशीर्वाद लिया और अधिवेशन की प्रशंसा की। इसके बाद वरिष्ठ उपाध्यक्ष द्वय सतीश शुक्ला नाशिक और रामकृष्ण तिवारी प्रयागराज अतिरिक्त प्रभार वरिष्ठ महामंत्री कन्हैया त्रिपाठी काशी एवं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. श्री प्रकाश मिश्र ने अपना उद्बोधन किया। तत्पश्चात राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक ने सबका आभार व्यक्त करते हुए प्रथम सत्र के समापन की घोषणा की। द्वितीय सत्र के प्रारम्भ में युवा संगठन के मंत्री विनोद चतुर्वेदी ने मंगलाचरण करके शुरुआत की। तत्पश्चात महासभा के युवा ईकाई के प्रमुख पदाधिकारियों द्वारा युवा संगठन के विस्तार एवं कार्य प्रगति पर अपने अपने विचार व सुझाव प्रस्तुत किये गये। इसके बाद महामंत्री चन्द्रनाथ चकहा मधु प्रयागराज, रामनाथ तिवारी काशी विशालाक्षी मंदिर, स्वामी मुरलीधरन कांचीकामकोट पीठ व पनकी हनुमान मंदिर कानपुर के महंत जी ने अपने विचार प्रस्तुत किये। इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रारम्भ प्रारम्भ हुए।
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Author: Vijay Singhal
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