हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा जिले के वृंदावन में शरद पूर्णिमा पर तीर्थ नगरी में रिमझिम बारिश के बीच सुबह से ही श्वेत पोशाक, मोरमुकुट, कटिकाछनि एवं मुरली धारण कर रजत सिंघासन पर विराजमान ठाकुरजी के दर्शन के लिए देश-विदेश से भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। ठा. बांके बिहारी मंदिर में भक्तों ने वंशी धारण किए हुए अपने आराध्य देव के दर्शन कर स्वयं को धन्य किया। तड़के पहर से ही दर्शनार्थियों का तांता लगा रहा। ठा. बांके बिहारी साल में सिर्फ एक बार शरद पूर्णिमा के दिन ही मोरमुकुट, कटि-काछनी एवं वंशी धारण कर अपने भक्तों को दर्शन देते हैं। सेवायतों द्वारा खीर एवं चंद्रकला का विशेष भोग निवेदित किया जाता है। अपने आराध्य की ऐसी मनभावन छटा के दर्शनों को देश-विदेश के श्रद्धालु सुबह से ही मंदिर के बाहर एकत्रित होने लगी। पट खुलते ही भक्त ठा. बांके बिहारी की जय-जयकार करते हुए आराध्य के दर्शन किए। मंदिर परिसर में सफेद गुब्बारों, सफेद पर्दे एवं विद्युत झालरों से धवल चांदनी की चित्ताकर्षक सजावट जहां भक्तों को अपनी आकर्षित कर रही थी। वहीं श्वेत पोशाक धारण कर रजत सिंहासन पर विराजमान अपने लाड़ले ठा. बांकेबिहारी की वंशी धारण किए हुए मनोहारी छवि के दर्शन कर भक्त आनंदित हो गए। पूरा मंदिर परिसर ठाकुरजी के जयकारों से गुंजायमान हो उठा। ठाकुर राधा दामोदर मंदिर, राधारमण मंदिर, राधस्नेहबिहारी मंदिर समेत अन्य मंदिरों में भी शरद पूर्णिमा पर श्वेत पोशाक धारण कर रजत सिंघासन पर विराजे ठाकुरजी के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहा।
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Author: Vijay Singhal
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