हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा में दिवाली पर पूजन के लिए मिट्टी की मूर्तियों का बाजार सज गया है। दुकान और फड़ों पर सजीं आकर्षक मूर्तियां लोगों को लुभा रही हैं। इस बार कोलकाता की मूर्तियों का जादू सिर चढ़कर बोल रहा है। लोगों ने पूजन के लिए लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों की खरीददारी शुरू कर दी है। इसमें मथुरा में बनी मूर्तियों की खूबसूरती देखते ही बन रही है। मूर्ति कला में मथुरा विश्वविख्यात है। देश और दुनिया में यहां की बेशुमार मूर्तियां खूबसूरती का डंका बजा रही हैं। प्राचीन काल में मथुरा कला की मूर्तियां लाल पत्थर की बनी होती थी, अब यह मिट्टी की बन रही हैं। दिवाली पर कोलकाता की मूर्तियों ने अहम स्थान बना लिया है। यह मूर्तियां फैंसी होने के कारण बाजार की शोभा बनी हुई हैं। कारोबार से जुडे़ रामकिशोर बताते हैं कि फैंसी होने के कारण कोलकाता की मूर्तियां ज्यादा पसंद की जा रही हैं, लेकिन मथुरा की मूर्तियां सस्ती हैं। मथुरा में बन रही मूर्तियों की कीमत खुले बाजार में 40 से 500 रुपये तक है, जबकि पोशाक धारण करने वाली कोलकाता की मूर्तियों इससे भी महंगी हैं। इस बार लक्ष्मी गणेश महंगे हो गए हैं। पिछले साल के मुकाबले लागत मूल्य में करीब 35-40 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। कारोबारी प्रेम किशोर वर्मा बताते हैं कि मूर्ति बनाने के लिए सबसे जरूरी पीओपी और डिस्टेम्बर पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगा दी गई है। अखबारी कागज और पॉलीथिन की कीमत दोगुनी हो गई है। इससे मूर्तियां बनाने की लागत बढ़ गई है। कोलकाता से आ रही मूर्तियों की लागत के साथ किराया बढ़ा है। बरसात ने स्थिति को और गंभीर कर दिया। थोक की दुकानों में माल नहीं बचा है।