हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। वृंदावन में रमणरेती स्थित सर्वेश्वर गीता मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में व्यासपीठ से अयोध्या के जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य महाराज ने कहा कि भगवान का आश्रय ही जीव के कल्याण और उत्थान का साधन है। उन्होंने कहा कि प्रभु की छवि का ध्यान और चिंतन की जो विधि हमारे पूर्वाचार्यों ने बताई है, उसके अनुसार सर्वप्रथम भगवान के पादमूल का ध्यान साधक को करना चाहिए। उन्हाेंने कहा कि आत्मा निर्लेप है, उसे शरीर से कोई मोह-राग नहीं होता। शरीर अपने अस्तित्व में ही तिरोहित हो जाता है, जीव को इससे भयभीत नहीं होना चाहिए। इससे पहले पूर्व केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने श्रीमहंत सनतकुमार शरण महाराज के सानिध्य में व्यासपीठ का पूजन किया। अपने उद्बोधन में साध्वी ने कहा कि सत्संग हमें धर्म से जोड़ता है। जगद्गुरु पीपा द्वाराचार्य बलराम दास महाराज तथा मुख्य यजमान सुरेश चंद्र यादव, कमलेश यादव ने व्यासपीठ का पूजन किया।
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Author: Vijay Singhal
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