हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। 22 साल पहले करतब दिखाने वालों से मुक्त कराई गई मादा भालू जैस्मीन ने आजादी के 22 साल पूरे कर लिए। उसे वाइल्डलाइफ एसओएस की टीम ने सड़कों भालुओं का नृत्य व अन्य करतब दिखाने वालों से मुक्त कराया था। वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने बताया कि जब जैस्मीन को मुक्त कराया गया तब वह एक शावक थी। उसे भारी शारीरिक और भावनात्मक आघात सहन करना पड़ा। उसे उसकी मां से अलग करके उसकी नाजुक थूथन में छेद कर रस्सी डाली गई थी। उसे मनोरंजन का साधन समझकर अप्राकृतिक प्रदर्शन के लिए मजबूर किया जाता था। उन्होंने बताया कि जैस्मीन का एक शावक से एक वरिष्ठ सदस्य बनते देखना दिल को छू लेने वाला सफर रहा है। उसे हमारे साथ 22 साल पूरे करते देखकर खुशी हो रही है। आज वह उन बुजुर्ग भालुओं में से एक हैं, जिसे कीड़े-मकोड़ों और दीमकों को खोदकर खाने का शौक है। जैस्मीन को शहद, नारियल और खजूर से भरे रोलिंग बैरल फीडर जैसी चीजों से खेलने में बहुत मजा आता है। ये चीजें उसके मन को व्यस्त और पेट को तृप्त रखती हैं। उसे गर्मी में बर्फ से जमी आइस-पॉप्सिकल्स भी बहुत पसंद हैं और गर्मियों में वह पूल के ठंडे पानी का आनंद लेती हैं। अपने झूले पर लेटे हुए, वह एयर-कूलर की ठंडी हवा खाते हुए सो जाती हैं। शुक्रवार को जैस्मीन को उसका मनपसंद आहार देकर उसकी आजादी के 22 साल का जश्न मनाया गया। इस दौरान वाइल्डलाइफ एसओएस के पशु चिकित्सा सेवाओं के उप निदेशक डॉ. इलियाराजा एस, सचिव गीता शेषमणि मौजूद रहीं।
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Author: Vijay Singhal
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