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एक क्लिक पर मिलेगी वेरीफिकेशन और पुलिस पेंशन की जानकारी

ByVijay Singhal

Oct 30, 2022
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मथुरा SSP की पहल:लोगों को अब पुलिस कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, एक क्लिक पर मिलेगी फाइल के बारे में जानकारी

हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल

मथुरा के एसएसपी अभिषेक यादव की पहल पर बनाए गए इस पोर्टल का एडीजी आगरा जोन राजीव कृष्ण ने शुभारंभ किया। एडीजी ने बताया कि यह एसएसपी की अच्छी पहल है। इस तरह का यह उत्तर प्रदेश में पहला पोर्टल है। इसको 1 महीने देखा जायेगा सही परिणाम मिलता है तो इसे आगरा जोन के सभी 8 जिलों में लागू किया जाएगा। इसके बाद इस पोर्टल के बारे में डीजी कार्यालय को अवगत कराया जायेगा। पुलिस कार्य प्रणाली में पारदर्शिता, निष्पक्षता, व्यवसायिक दक्षता व जवाबदेही लाने हेतु मथुरा वासियों , पुलिसकर्मियों,पुलिस पेंशनर व मृतक पुलिस कर्मियों के आश्रित को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े इस उद्देश्य से मथुरा पुलिस व्दारा www.mathurapolice.com  पोर्टल विकसित किया गया है। जिसमें नागरिक सुविधाएं, पुलिस कल्याण एवं सुविधाएं व पारदर्शी पर्यवेक्षण मुख्य भाग हैं। जिसके सम्बन्ध में पूर्व में लागू प्रक्रिया में आने वाली समस्याएं तथा उक्त मॉड्यूल के माध्यम से प्राप्त होने वाली सुविधाएं तथा उक्त मॉड्यूल से होने वाले फायदों का विवरण है।

प्रतिदिन आम नागरिकों द्वारा विभिन्न उद्देश्य के लिए पुलिस वैरिफिकेशन रिपोर्ट (PVR), मिलिट्री वैरिफिकेशन रिपोर्ट (MVR), गवर्नमेंट वैरिफिकेशन रिपोर्ट (GVR), ठेकेदारी वैरिफिकेशन रिपोर्ट (CVR) आदि के वैरिफिकेशन के लिए फॉर्म अप्लाय किये जाते हैं।अप्लाय करने के पश्चात आवेदक को अपनी फाइल की वर्तमान स्थिति जानने हेतु पुलिस कार्यालय और थानों के चक्कर काटने पड़ते हैं । इस स्थिति में भ्रष्टाचार के मामले भी सामने आते हैं जिससे पुलिस की छवि धूमिल होती है । फाइल का निस्तारण समय पर न होने के कारण आवेदक को भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है। नागरिक का आवेदन प्राप्त होने पर तत्काल पोर्टल पर दर्ज किया जायेगा । प्रत्येक स्तर पर एक शाखा से दूसरी शाखा में फाइल के मूवमेंट की सूचना आवेदक को रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर पर SMS के माध्यम से प्राप्त होगी । आवेदक स्वयं भी पोर्टल पर जाकर फाइल नंबर से अपने फाइल की वर्तमान स्थिति जान सकेगा। इसके अलावा इस व्यवस्था को ओवजर्व करने वाले पुलिस ऑफिसर लॉगिन के माध्यम से विभिन्न स्तरों पर लम्बित फाइल को सिंगल क्लिक पर देख सकेंगे। जिससे सम्पूर्ण व्यवस्था पारदर्शी बनेगी एवं अकारण लम्बित रहने वाली फाइलों का समय सीमा में निस्तारण किया जा सकेगा । पुलिसकर्मियों,पेंशनर,मृतक आश्रित को चिकित्सा प्रतिपूर्ति सम्बन्धी, यात्रा भत्ता सम्बन्धी, वेतन,जीपीएफ सम्बन्धी, पेंशन

सम्बन्धी, मृतक आश्रित सम्बन्धी आदि सेवाएं एवं सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। लेकिन उनको आवेदन के बाद पुलिसकर्मियों,पेंशनर, मृतक आश्रित को अपनी फाइल की वर्तमान स्थिति की जानकारी नहीं हो पाती है। अपनी फाइल की वर्तमान स्थिति जानने के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं व उनका बेवजह कीमती समय खराब होता है साथ ही तनाव का सामना करना पड़ता है। फाइलों का समयबद्ध तरीके से निस्तारण नहीं हो पाता है। लम्बित फाइलों की कोई एकीकृत सूचना न होने के कारण पर्यवेक्षण अधिकारीगण को सिटिजन चार्टर के अनुसार समयबद्ध निस्तारण करवाने में समस्या होती है। इस पोर्टल के माध्यम से पुलिसकर्मियों,पेंशनर,

मृतक आश्रित उक्त पोर्टल के माध्यम से अपने दावों,फाइल की स्थिति को ऑनलाइन देख सकते हैं। प्रत्येक स्तर पर एक शाखा से दूसरी शाखा में फाइल मूवमेंट की जानकारी उनको रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर पर SMS के माध्यम से प्राप्त होती रहेगी। दावों की समयावधि पूर्ण होने पर लम्बित फाइल रेड कलर में प्रदर्शित होगी। इसका यह फायदा होगा कि भ्रष्टाचार के आरोपों पर अंकुश लगाया जा सकेगा,कार्य प्रणाली में समय बद्धता एवं पारदर्शिता लायी जा सकेगी। वेतन, जीपीएफ का समस्त विवरण पोर्टल पर उपलब्ध रहेगा। पुलिस कर्मी लॉगिन के माध्यम से जीपीफ व वेतन का विवरण देख सकेंगे व प्रिंट आउट भी ले सकते हैं, कार्मिक को उक्त कार्यों हेतु ड्यूटी छोड़कर मुख्यालय नहीं आना पड़ेगा। पोर्टल पर पेंशन सम्बन्धी फाइलों को पोर्टल पर अपलोड किया जायेगा, पेंशन फाइल का विवरण पोर्टल पर उपलब्ध होगा। कार्य में हो रही प्रगति और अवरोध का आकलन कर कार्य को पारदर्शी, जवाबदेह, निष्पक्ष व जनोन्मुखी बना सकेंगे। पोर्टल पर मृतक आश्रित सम्बन्धी फाइलों को पोर्टल पर अपलोड किया जायेगा, आश्रित फाइल की वर्तमान स्थिति बिना मुख्यालय आये, ऑनलाइन ही प्राप्त कर सकेगा ।इस तरह का पोर्टल बनाने के बारे में एसएसपी अभिषेक यादव ने दस महीने पहले उस समय सोचा जब वह मुजफ्फरनगर के एसएसपी थे। लेकिन किसी कारण इस पर काम रुक गया। इसके बाद जब वह मथुरा आए तो उन्होंने एक बार फिर इस पोर्टल पर काम करना शुरू कर दिया और इसके बनाने का जिम्मा लखनऊ की एक कंपनी को दिया। कंपनी ने ढाई महीने की मेहनत के बाद इस पोर्टल को तैयार कर दिया।

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Vijay Singhal
Author: Vijay Singhal

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