मथुरा। वृंदावन में टेड़े-मेड़े खंभा के मंदिर के नाम से प्रसिद्ध शाहजी मंदिर का वर्ष में दो बार खुलने वाला वसंती कमरा वसंत पंचमी यानि तीन फरवरी को खुलेगा। दूसरे दिन शाम को भी वसंती कमरा में झाडू फानूस की रंगबिरंगी रोशनी के बीच मंदिर में विराजमान श्रीजी भक्तों को दर्शन देंगी। आराध्या के दर्शन के लिए भक्त इस दिन का इंतजार करते हैं। मंदिर प्रबंधन द्वारा संगमरमरी मंदिर को रोशनी से सजाया जा रहा है।व्यवस्थापक प्रशांत शाह ने बताया कि वसंती कमरे की सजावट के प्रमुख आकर्षण प्राचीन झाड़-फनूसों व कांच आदि की साफ-सफाई का कार्य पिछले 10 दिनों से चल रहा है। इस विशेष कमरे में वसंत पंचमी के अवसर पर तीन फरवरी को सुबह 10 बजे से दोपहर साढ़े 12 बजे तक शाम को पांच बजे से देर शाम तक श्रीजी के दर्शन होंगे। शाम को छह बजे से भजन संध्या का आयोजन होगा। ठाकुरजी को वसंती पोशाक धारण कराने के साथ-साथ उनका शृंगार भी वासंतिक होगा। दूसरे दिन चार फरवरी को शाम पांच बजे से वसंती कमरे में श्रीजी के दर्शन भक्तों को देर शाम तक होंगे। इसके बाद वसंती कमरा बंद हो जाएगा। उन्होंने बताया कि यह कमरा वर्ष में सिर्फ दो बार ही खुलता है। प्रथम बार वसंत पंचमी पर दो दिन व दूसरी बार सावन मास में त्रयोदशी व चतुर्दशी के दिन ठाकुरजी इस कमरे में भक्तों को दर्शन देते हैं। इस मंदिर में नवाबी शैली की झलक मिलती है। मंदिर के चौक में अन्य सखियों की मूर्तियों के साथ नवाब वाजिद अली शाह की टोपी लगाए सखी वेश में मूर्ति है। लखनऊ के भक्तों द्वारा बनाने के कारण पूरे मंदिर पर दो प्रभाव देखने को मिलते हैं, पहला नवाबी तथा दूसरा विदेशी कला का। मंदिर में 15 फुट के टेढ़े खंभों का प्रयोग, मुंडेर रोमन शैली में बनी है। मंदिर में बेशकीमती झाड़-फानूस, दर्पणों एवं दरवाजे नवाबी संस्कृति को दर्शाते हैं।
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Author: Vijay Singhal
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