हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। पराली में लापरवाही बरतने पर टीएसी, वीडीओ और लेखपाल को निलंबित कर दिया गया है। किसानों पर 17 हजार से अधिक का अर्थदंड लगाया गया है। यह कार्रवाई पराली जलाने वालों पर उपग्रह द्वारा की जा रही निगरानी के आधार पर की गई है। प्रशासन पराली के प्रति कड़ी चेतावनी जारी कर चुका है। इसके बाद भी जनपद में पराली जलाई जा रही है। उप कृषि निदेशक राम कुमार माथुर ने बताया कि पराली की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण न करने के कारण कुमारी शालिनी जादौन टीएसी एवं राजेश कुमार ग्राम विकास अधिकारी तथा रिठौरा के लेखपाल को निलंबित किया गया है। साथ ही पराली जलाने वाले कृषकों पर 17500 रुपये का अर्थदंड भी अधिरोपित किया गया है। कृषि निदेशक ने बताया कि धान की पराली को खेतों में न जलाए बल्कि मृदा में कार्बनिक पदार्थों की वृद्धि के लिए पादप अवशेषों को मृदा में मिलावें। पराली को जलाने से न केवल पर्यावरण प्रदूषित होता है बल्कि इसका मानव स्वास्थ पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। किसान भाई इस भ्रम में रहते हैं कि रात्रि में या सुबह 2.3 बजे पराली अवशेष में आग जलाने पर किसी को पता नहीं चलेगा परंतु उपग्रह के माध्यम से 24 घंटे रीयल टाइम फोटो सहित आ जाती है। इसके अतिरिक्त विभिन्न गोशाला संचालकों द्वारा स्वयं के संसाधनों से निराश्रित, बेसहारा गोवंश के चारे हेतु पराली का एकत्रीकरण भी किया जा रहा है।
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Author: Vijay Singhal
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