हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। वृंदावन में गुरु और शिष्य की प्राचीन परंपरा का रविवार को फिर से निर्वहन हुआ। हजारों शिष्य गुरु वंदन की तो नए शिष्य भी इस दिन गुरु दीक्षा ली। अगर तीर्थ नगरी वृंदावन की बात करें तो 500 से अधिक गुरुओं की गद्दी सजा दी गई हैं। कई आश्रमों में तो गुरु पूजन भी शुरू हो गए हैं। रविवार को गुरु पूर्णिमा पर विभिन्न राज्यों से आने वाले हजारों भक्त अपने-अपने गुरुओं का पूजन-अर्चन करेंगे। वृंदावन के ज्ञानगुदड़ी, अटल्ला चुंगी, परिक्रमा मार्ग, मोतीझील मार्ग, रमणरेती, वराह घाट, काली दह, सुदामा कुटी, परिक्रमा मार्ग स्थित टटिया स्थान आदि क्षेत्र में करीब छोटे-बड़े 500 से अधिक आश्रम हैं। 21 जुलाई को मनाए जाने वाले गुरु पूर्णिमा की आश्रमों के साथ-साथ मंदिरों में तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार, पंजाब, मध्य प्रदेश आदि राज्यों से भारी तादाद में शिष्य गुरुओं के पूजन को यहां आएंगे। इसके लिए अभी से ही गेस्ट हाउस, होटल और धर्मशाला फुल हो गए हैं।भारत वर्ष सनातनी है। सनातन धर्म में गुरु पूर्णिमा के दिन सभी श्रद्धालु गुरुजी का पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस उत्सव को व्यास पूजन भी कहा जाता है। गुरु पूर्णिमा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं की मंगल कामना करते हैं।
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Author: Vijay Singhal
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