हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। व्रन्दावन में सेवाकुंज स्थित योगमाया मंदिर में प्रभु प्रेम प्राप्ति वार्षिक महोत्सव अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ। प्रातः काल कृष्ण कालीन योगमाया की प्रतिमा का पंचामृत से अभिषेक कर उनका पूजन-अर्चन किया गया। साथ ही महाआरती की गई। संत-विद्वत सम्मेलन में त्रिदंडी स्वामी श्रीमद भक्तिवेदांत मधुसूदन महाराज ने कहा कि योगमाया को भगवान श्रीकृष्ण ने दुष्टों का संहार करने के लिए स्वयं प्रगट किया था। अत: यह समस्त ब्रजवासियों की परमाराध्य हैं। श्रीमद्भागवत में इन्हीं को विंध्यवासिनी व शिवपुराण में माता सती का अंश बताया गया है। डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की समस्त लीलाएं योगमाया के द्वारा ही हुई हैं। वस्तुत: यह भगवान श्रीकृष्ण की अभिन्न स्वरूप हैं। महाभारत युद्ध के समय अर्जुन ने युद्ध आरंभ करने से पूर्व इन्हीं का स्तवन किया था। भगवान श्रीकृष्ण की सभी लीलाओं में योगमाया की प्रमुख भूमिका रही है। पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि योगमाया एक स्वरूप में भगवान श्रीकृष्ण की बहन के रूप में प्रसिद्ध हैं, तो दूसरे स्वरूप में यह पौर्णमासी देवी के रूप में समस्त ब्रजवासियों की परम गुरु स्वरूपा होकर हितोपदेश प्रदान करने वाली मानी गई हैं।
इस अवसर पर भक्ति मयूर भिक्षु महाराज,स्वामी गोकुलानंद महाराज, तमाल कृष्ण ब्रह्मचारी, आचार्य कनिका प्रसाद गोस्वामी,साधु महाराज, ध्रुव गोस्वामी,गोविंद महाराज, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा, राधा नाथ दास, प्रेम प्रदीप दास, राधा रमण दास, ब्रजराज दास, रोहिणी नंदन दास, मधुकर दास,उज्जवल दास, वृन्दावन दास एवं रविदास आदि उपस्थित थे।
7455095736
Author: Vijay Singhal
50% LikesVS
50% Dislikes