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सूर्य ग्रहण में मंदिरों के पट रहे बंद, बाजारों में पसरा सन्नाटा

ByVijay Singhal

Oct 26, 2022
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हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज सहिफ विजय सिंघल
मथुरा। वृंदावन में  सूर्य ग्रहण के प्रभाव के चलते मंगलवार को शाम होते ही आसमान का रंग बदल गया। लोगों ने अपनी आवाजाही रोक दी। बाजारों में सन्नाटा पसर गया। सभी प्रमुख मंदिरों के प्रात:काल ही ठाकुर जी को शयन करा दिया गया। पट बंद कर दिए गए। भजन कीर्तन की स्वर गूंजते रहे। सूर्यास्त के बाद एक बार फिर मंदिरों के पट खोले गए। वृंदावन के अक्रूर घाट पर भक्तों ने यमुना में डुबकी लगाई। दिवाली के बाद मंगलवार को हुए सूर्य ग्रहण का प्रभाव सूतक के साथ ही मंदिरों की सेवा पूजा पर प्रात:काल ही शुरू हो गया था। ठाकुर जी की आरती के साथ ही शयन करा दिया गया। भक्तों के लिए ठाकुर जी के पट बंद कर दिए गए। श्रीकृष्ण जन्मस्थान, दीर्घ विष्णु मंदिर सहित वृंदावन के श्रीबांकेबिहारी, राधावल्लभ, राधा दामोदर सहित अन्य देवालयों में सूर्य ग्रहण से पूर्व सूतक लगते ही पट बंद कर दिए गए। ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में सुबह 1.30 बजे दर्शन खुले। इसके बाद 1.40 बजे शृंगार आरती और 3.55 बजे राजभोग आरती हुई। सुबह चार बजे मंदिर के पट बंद कर दिए गए। शाम को सूर्यग्रहण के बाद देर शाम लगभग 7.15 बजे मंदिर के पट श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए खोल गए और शयन आरती रात 9.25 बजे हुई। यही दौर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सहित अन्य मंदिरों में देखने को मिला। सूर्यास्त के बाद एक बार फिर मंदिरों के पट खोले गए और भक्तों ने आराध्य के दर्शन किए। हालांकि श्रीदीर्घ विष्णु मंदिर में सूर्यास्त के बाद भी सूर्यग्रहण रहने के कारण ठाकुर जी के पट नहीं खोले गए। सेवायत महंत कांतानाथ चतुर्वेदी ने बताया कि बुधवार को प्रात: कालठाकुर जी के दर्शन होंगे।ग्रहण के दौरान घर में लोग हरिनाम संकीर्तन कर रहे थे। बाजारों में सन्नाटा पसर गया। मंगल बाजार को छोड़कर अन्य स्थानों पर व्यापारिक गतिविधियां बंद रहीं। लोगों ने दान-पुण्य किया। श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मुख्य द्वार पर बाहर से आए श्रद्घालुओं ने पट बंद होने पर भजन-कीर्तन और नृत्य किया। अक्रूर घाट पर लोगों ने यमुना में  डुबकी लगाई। ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए भक्तों ने अक्रूर घाट पर स्नान किया। ज्योतिषाचार्य आचार्य श्याम दत्त चतुर्वेदी बताया कि अक्रूर घाट सूर्य ग्रहण के दौरान स्नान के लिए विशेष महत्व है। मान्यता है कि श्रीकृष्ण, बलराम और अक्रूर जी महाराज ने एक साथ ग्रहण के दौरान स्नान किया था। सूर्य ग्रहण के दौरान यहां स्नान को कुरुक्षेत्र की मान्यता दी जाती है। द्वारिकाधीश ने  ग्रहण में भक्तों को दर्शन दिए। मथुरा। पुष्टिमार्गीय संप्रदाय के मंदिर ठाकुर द्वारिकाधीश में ग्रहण के दौरान राजाधिराज ने भक्तों को दर्शन दिए। प्रात:काल मंगला शृंगार और ग्वाल के दर्शन नित्य अनुसार खुले और राजभोग के दर्शन 10:00 बजे से 10:30 बजे तक हुए। इसके बाद भी परंपरागत दर्शन हुए। ग्रहण में ठाकुर जी ने भक्तों को दर्शन दिए।

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Vijay Singhal
Author: Vijay Singhal

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