हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। शारदीय नवरात्रि के दौरान कान्हा की नगरी के स्थान स्थान पर मां दुर्गा पूजा की गई। मथुरा में डेढ़ सौ से ज्यादा स्थानों पर दुर्गा पंडाल लगाए गए थे। दशहरा के अवसर पर अधिकतर दुर्गा पंडालों से मां दुर्गा की भव्य सवारी निकली जो विभिन्न मार्गों से होती हुई यमुना तट पहुंची। जहां नगर निगम द्वारा बनवाए गए तालाबों में दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। तीर्थ नगरी में सजे मां दुर्गा के पंडालों में दशहरा के दिन सुबह वैदिक मंत्रोचारण के मध्य पूजन अर्चन और हवन किया गया। देर शाम मां दुर्गा भव्य सवारी निकाली गई। बैंड बाजों पर बजते मां के भजनों पर भक्त नाचते गाते चल रहे थे। मथुरा ,वृंदावन में शहर का कोई ऐसा रोड नहीं था जहां से मां दुर्गा की सवारी न निकली हो।शारदीय नवरात्र में स्थान स्थान पर मां दुर्गा की प्रतिमा विराजमान की जाती हैं। षष्ठी के दिन विराजमान की जाने वाली मां दुर्गा की अलग अलग दिन अलग अलग तरीके से आराधना की जाती है। कहीं 5 दिन की,कहीं 7 दिन तो कहीं 9 दिन की मां दुर्गा प्रतिमा को विराजमान किया जाता है। अधिकांश स्थानों पर 5 दिवसीय दुर्गा पूजा महोत्सव का आयोजन किया जाता है। दुर्गा पूजा के अवसर पर मां दुर्गा की प्रतिमा के अलावा प्रथम पूजनीय गणपति, सरस्वती, कार्तिक भगवान की भी प्रतिमा स्थापित की जाती हैं। इन सभी का विधि विधान से पूजन किया जाता है। मां दुर्गा की प्रतिमा के साथ साथ इन सभी भगवान की प्रतिमाओं का भी विसर्जन किया जाता है। 5 दिवसीय दुर्गा पूजा के अंतिम दिन मां दुर्गा की भव्य सवारी निकाली गई। शहर के विभिन्न मार्गों से होती हुई सवारी यमुना तट पहुंची जहां नगर निगम द्वारा बनवाए गए तालाबों में मां दुर्गा की पूजा का विर्सजन किया गया। वृंदावन में मोक्ष धाम के पीछे यमुना तट पर तालाब बनवाया गया वहीं मथुरा में गोकुल वैराज के समीप तलाब बनवाया गया। मथुरा वृंदावन नगर निगम द्वारा बनवाए गए विसर्जन तालाबों पर प्रकाश के लिए एलईडी लाइट लगवाई गई। इसके अलावा बनवाए गए अस्थाई तालाबों में साफ पानी भरा गया। तालाबों में विसर्जन के दौरान कोई हादसा न हो इसके लिए बैरिकेटिंग की गई और गोताखोर भी तैनात किए गए थे ।
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Author: Vijay Singhal
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