हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। व्रन्दावन की 35 साल की किन्नर को प्रयागराज महाकुंभ में महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई। अंतरराष्ट्रीय जूना किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने उन्हें फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी के साथ अपना पिंड दान करने के बाद त्रिवेणी संगम में स्नान के बाद पट्टाभिषेक किया। वृंदावन के किन्नर समाज की अध्यक्ष कंगना किन्नर ने किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के सानिध्य में 21 जनवरी को अभिनेत्री ममता कुलकर्णी के साथ त्रिवेणी संगम में अपना पिंडदान किया। संन्यासी परंपरा के अनुसार अपना पुराना जीवन त्यागकर संन्यासी जीवन अपनाया। संत, महंत और महामंडलेश्वरों के सानिध्य में संगम तट पर कंगना किन्नर का पट्टाभिषेक किया गया और उन्हें महामंडलेश्वर मां कृष्णानंद गिरि नाम दिया गया। कंगना किन्नर से महामंडलेश्वर मां कृष्णानंद गिरि बनने के बाद उन्होंने बताया कि वह मूलरूप से नौहझील बाजना की रहने वाली हैं। पिछले 15 साल से वह संतों के सानिध्य में हैं। शुरुआती जीवन से ही वह दान, पुण्य भजन, साधना में उनकी रुची रही है।उन्होंने बताया कि दो साल पहले ही उन्होंने वृंदावन के राजपुर बांगर में वृंदाधाम आश्रम की स्थापना की। इसमें महादेव मंदिर का निर्माण कराया था। इससे पहले वह पानीगांव में रहती थीं। उन्होंने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की। इसके बाद वह किन्नर होने पर संत समाज के संपर्क में आ गयी। वह तीन फरवरी को शाही स्नान के बाद वृंदावन स्थित अपने आश्रम में आएंगी। कुछ दिन के बाद वह फिर महाकुंभ के पूर्ण होने तक वहीं प्रवास करेंगी।
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Author: Vijay Singhal
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