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हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
तेरे सब संकट कट जाएं, पूजा गोवर्धन की कर लै
मथुरा। गोवर्धन में गिरिराज पूजा के लिए गोवर्धन में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। देसी-विदेशी भक्तों की टोलियां हरिनाम संकीर्तन के साथ नृत्य करते हुए गौड़ीय मठ से गोवर्धन पूजा के लिए निकली तो गिरिराज नगरी भक्ति से सराबोर हो गई। विदेशी श्रद्धालु सिर पर दूध, दही, माखन मिश्री लेकर पूजा करने तलहटी पहुंचे। छप्पन भोग लगाए गए। गोवर्धन में गिरिराज पूजा के लिए 22 देशों से विदेशी भक्त शामिल हुए। गौड़ीय मठ मंदिर से भक्तों की टोली सिर पर दूध, दही, शहद, गंगाजल, प्रसाद की टोकरी लेकर निकली। भक्तों ने राजा वाले मंदिर स्थित गिरिराजजी की शिला पर दूध, दही, शहद, बूरा, गंगा जल आदि से अभिषेक किया। नीरज शर्मा ने पूजा कराई। श्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट बिराजि रह्यौ भजन की धुन पर भक्त भक्ति में लीन नजर आए। शोभायात्रा गिरिराज मुकुट मुखारबिंद मंदिर से अपराह्न एक बजे शुरू हुई। दसविसा बाजार, सौंख अड्डा, दानघाटी, बड़ा बाजार, हाथी दरवाजा, चकलेश्वर मंदिर मार्ग से बैंडबाजों एवं नंद बाबा, कृष्ण- बलराम व अनेक झांकियों के साथ निकाली गई। शोभायात्रा में दसविसा ब्राह्मण समाज की महिलाएं, पुरुष चल रहे थे। इस अवसर पर नगर पंचायत अध्यक्ष खेम चंद शर्मा, रिसीवर उमाकांत चतुर्वेदी, सभासद संजय लवानियां, श्रीधर पाठक, रवि, चंद्र विनोद कौशिक, कृष्णगोपाल शर्मा, पूनम शर्मा आदि मौजूद रहे। विधायक ठा. मेघश्याम सिंह ने कार्यकर्ताओं के साथ गिरिराज जी का दुग्धाभिषेक कर पूजा की। इसके बाद परिक्रमा लगाई । सेवायतों ने गिरिराज प्रभु का दिव्य फूलों से बंगला सजाया। पुष्प महल में विराजे गिरिराज प्रभु ने भक्तों को दर्शन दिए। सेवायत पवन कौशिक ने बताया कि पांच लाख से अधिक श्रद्धालु गोवर्धन पहुंचे हैं। द्वापर युग में श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों से इंद्र की पूजा बंद करा कर गिरिराजजी की पूजा कराई थी। इससे इंद्र क्रोधित हो उठा और सात दिन तक रात-दिन मूसलाधार बरसात की। कृष्ण ने तर्जनी अंगुली पर गिरिराज पर्वत को धारण कर ब्रजवासियों की रक्षा की। विदेशी महिलाएं साड़ी पहन कर गोपी भेष में रंगी नजर आईं। सुमन, मानसी, भारती का कहना है कि कार्तिक मास में कृष्ण भक्ति करने ब्रज आती हैं। रूस से आई आनंद प्रदायिनी दासी ने बताया कि वह गिरिराज पूजा के लिए गोवर्धन आती हैं। कल्याणी दासी ने बताया कि वे पांच साल से गोवर्धन पूजा-अर्चना करने आ रही हैं। रशियन श्याम दास ने बताया कि उनको भारतीय संस्कृति अच्छी लगती है। जालंधर से आई गीता दासी ने बताया कि वे 10 साल से गोवर्धन पूजा करने आ रही हैं। श्रद्धालुओं की टोली गौड़ीय मठ आश्रम से बाहर निकली तो प्रशासनिक व्यवस्थाओं की पोल खुल गई। एकता तिराहा, होटल विंगिस्टन के सामने सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों से रास्ता जाम हो गया। डॺूटी पॉइंट पर तैनात पुलिस कर्मी तमाशबीन बने रहे। ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी श्रद्धालुओं को जाम से निजात दिलाने में नाकाम साबित रहे।
मंदिरों और घर-घर में अन्नकूट बना कर गिरिराज महाराज का भोग लगाया गया। कढ़ी, चावल, बाजरा, सब्जी, रोटी, खीर, पूआ, पूरी आदि पकवान बना कर भगवान को अर्पित किए गए। गिरिराज मुकुट मुखारबिंद मानसी गंगा, दानघाटी मंदिर, वैष्णव सेवा आश्रम, लक्ष्मी नारायण मंदिर, देवकीनंदन महाराज, रामधाम त्यागी बाबा आश्रम, राधा श्यामसुंदर मंदिर, राम बाबा आश्रम, हनुमान बाग, इंद्र पूजा स्थल, सुरभि कुंड, गिरधारी गौड़ीय मठ आदि स्थानों पर अन्नकूट का प्रसाद वितरित किया गया। परिक्रमा मार्ग में खंडेलवाल धर्मशाला, लुटेरिया हनुमान, मिर्ची वाली बगीची, पंचमुखी हनुमान आश्रम, केदार धाम, दानघाटी मंदिर, रामानंद आश्रम आदि स्थानों पर प्रसाद वितरित किया गया।
