हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। एडीजे एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा 17 साल पुराने राया कांड में पूर्व मंत्री सरदार सिंह समेत छह और आरोपियों को साक्ष्यों व गवाही के अभाव में दोषमुक्त कर दिया है। शुक्रवार को अदालत से यह फैसला आते ही आरोपी पक्ष के चेहरों पर मुस्कान आ गई। इस प्रकरण में कुल 53 आरोपी थे। इनमें से 47 पूर्व में बरी हो चुके थे। विशेष लोक अभियोजक हरेंद्र शर्मा ने बताया कि राया थाने में दर्ज मुकदमे के अनुसार ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसल की एवज में मुआवजे की मांग को 22 मार्च 2007 को किसान व अन्य लोग राया चौराहा पर जुटे थे। इस दौरान किसी प्रकार से भीड़ भड़क गई। ट्रेन को रोक दिया। वाहनों में तोड़फोड़ की। भारी हिंसा, बलवा, उग्र प्रदर्शन हुआ। पुलिस ने जो अपनी ओर से मुकदमा दर्ज किया। उसमें पूर्व मंत्री सरदार सिंह के नेतृत्व में यह प्रदर्शन दिखाया। इस मामले में 53 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। 47 बरी हो चुके थे। पूर्व मंत्री सरदार सिंह निवासी कारब, राया सहित छत्रपाल निवासी जीसा, राया, प्रहलाद निवासी चोला, बिसावली, राया, राजेंद्र सिंह निवासी तगलका, राया, असलम खान उर्फ अस्सो निवासी मोहल्ला व्यापारियान, राया, रविंद्र उर्फ रवि निवासी मगदा, राया पर शुक्रवार को अदालत का फैसला आया। कोर्ट ने सभी साक्ष्यों व गवाही के अभाव में इन सभी को भी बरी कर दिया है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता रामसरीन ने बताया कि अदालत में बचाव पक्ष की ओर से मजबूत दलीलें पेश की गईं, जिसके आधार पर पुलिस द्वारा दर्ज मुकदमे में बनाए गए आरोपियों को अदालत ने बरी किया है। पूर्व मंत्री बोले, न्याय के मंदिर से मिला इंसाफ पूर्व मंत्री सरदार सिंह ने कहा कि उन्हें शुरुआत से ही अदालत पर भरोसा था। यह मुकदमा गलत तरीके से लिखा गया था। मगर, बांकेबिहारी और अदालत में अटूट आस्था थी। न्याय के मंदिर से इंसाफ का एलान हुआ है। बांकेबिहारी का आशीर्वाद मिला है।
7455095736
Author: Vijay Singhal
50% LikesVS
50% Dislikes