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जमीन-मकान की रजिस्ट्री में बड़ा बदलाव, विक्रेता-खरीदार दोनों की अब ऐसे होगी पहचान

ByVijay Singhal

Dec 2, 2023
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हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल

उत्तरप्रदेश में जमीनों के रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब क्रेता-विक्रेता के फिंगर प्रिंट का उनके आधार डाटा में फीड फिंगर प्रिंट से मिलान होने पर ही जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी हो सकेगी। निबंधन विभाग के आदेश पर रजिस्ट्रार कार्यालयों में मशीनें लगने के बाद ट्रायल भी शुरू हो चुका है। अब जमीन या संपत्ति की रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा नहीं हो सकेगा। जमीन की रजिस्ट्री में हो रहे फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए सरकार ने आधार से सत्यापन कराना अनिवार्य कराए जाने का ट्रायल शुरू किया गया है। एनआईसी के स्तर पर यह कार्य किया जा रहा है। अब तक रजिस्ट्रार कार्यालयों में क्रेता-विक्रेता के बायोमीट्रिक मशीन से हाथों के अंगूठों व अंगुलियों की निशानी ली जाती थी लेकिन इसे आधार डाटा से वेरिफाई नहीं किया जाता था। जिसमें फर्जीवाड़ा होने की आशंका ज्यादा रहती है। नई व्यवस्था में कोई विक्रेता एक ही जमीन को फर्जीवाड़ा कर दो बार नहीं बेच सकेगा।

इसके साथ ही किसी बेनामी जमीन की बिक्री भी रुक जाएगी। जमीन के दस्तावेजों में आधार कार्ड की जानकारी तो देनी ही होगी, अंगुलियों के निशान लेकर इसका आधार डाटा से सत्यापन भी किया जाएगा।
एनआईसी कर रहा है आधार लिंक की कार्यवाही

रजिस्ट्रार कार्यालयों में रजिस्ट्री का सॉफ्टवेयर डिजिटल रूप से आधार से लिंकअप हो जाएगा। इसके बाद ही जमीन की रजिस्ट्री हो पाएगी। वहीं, संपत्ति की खरीदारी को भी नहीं छुपाया जा सकेगा। आधार से लिंक अप रहने के कारण इसे जब चाहे आधार ओपन कर देखा जा सकता है।

आधार सत्यापन की नई व्यवस्था लागू होने से पूर्व अक्सर यह शिकायत सामने आती थी कि फर्जीवाड़ा कर कोई किसी की जमीन रजिस्ट्री करा लेता था और क्रेता के मरने के बाद यह मामला सामने आता था, उस समय इसे साबित करना मुश्किल हो जाता था। अब इस तरह के फर्जीवाड़े पर रोक लग जाएगी।

निबंधन विभाग के अनुसार रजिस्ट्रार कार्यालय में क्रेता-विक्रेता के अंगूठों व अंगुलियों की निशानी बायोमीट्रिक मशीन के जरिए ली जाती है। अब यह मशीन आधार की साइड से लिंक्ड होगी। एआईजी स्टांप बृजेश कुमार के अनुसार अब रजिस्ट्री की प्रक्रिया आधार कार्ड से अटैच हो जाएगी। आरडी डिवाइस इंस्टॉल हो चुकी हैं। लखनऊ निबंधन विभाग के सर्वर से इसको जोड़ा जा रहा है। अभी इसका ट्रायल चल रहा है।

Vijay Singhal
Author: Vijay Singhal

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