हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। व्रन्दावन में कार्तिक महीने में ब्रज वास यानी ब्रज में रहने का महत्व है। यहां कार्तिक महीने में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। ब्रज में 84 कोस परिक्रमा करने के साथ यहां रहकर मंदिरों के दर्शन कर रहे हैं। मथुरा के वृंदावन में स्थित इस्कॉन मंदिर में भारत के साथ-साथ विदेश से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आए हैं। भक्त यहां रोज दीपदान कर रहे हैं और दामोदर मास मना रहे है। कार्तिक महीने में ब्रज दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। वृंदावन के इस्कॉन मंदिर में हर तरफ भक्त ही भक्त नजर आ रहे हैं। यहां भारतीयों के साथ विदेशी भक्त भी भगवान की आराधना कर रहे हैं। मंदिर में जिस तरफ देखो उधर भक्तों की भीड़ ही भीड़ नजर आ रही है। कार्तिक महीने में मंदिरों में दीपदान की परंपरा है। ब्रज के मंदिरों में कार्तिक महीना शुरू होते ही दीपक जलाना शुरू हो जाता है। इस्कॉन मंदिर में शाम के समय बड़ी संख्या में आए श्रद्धालु दीपदान करते हैं। यहां भक्त घी के दीपक जला रहे हैं। मंदिर प्रबंधन की तरफ से उपलब्ध कराए जा रहे दीपक की कीमत करीब 11 रुपए आ रही है। मंदिर प्रशासन भक्तों से इस दीपक के पैसे नहीं लेता, बल्कि फ्री में दिया जाता है। मंदिर के मीडिया डायरेक्टर रवि लोचन दास ने बताया कि कार्तिक महीने में दीपदान का महत्व है। इसीलिए यहां शाम के समय आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर की तरफ से दीपक उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि भक्तों को दीपक उपलब्ध कराने के पीछे उद्देश्य है कि प्रतिदिन तो भगवान की आरती मंदिर के पुजारी करते हैं। लेकिन, कार्तिक महीने में भक्त भी अपने आराध्य की आरती कर सकें। इसके लिए उनको दीपक उपलब्ध कराए जा रहे हैं। कार्तिक महीने में इस्कॉन मंदिर आ रहे भारतीय और विदेशी भक्तों के हाथों में शाम के समय दीपक नजर आ रहे हैं। यहां मंदिर प्रबंधक आने वाले भक्तों को निशुल्क दीपक उपलब्ध करा रहा है। मंदिर में प्रतिदिन 11 हजार दीपक जलाए जा रहे हैं। पूरे कार्तिक महीने की बात करें तो यहां साढ़े 3 लाख से ज्यादा दीपक जलाए जाएंगे।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, चातुर्मास का सबसे प्रमुख महीना होता है कार्तिक महीना। कार्तिक महीने में ही देवोत्थान एकादशी पर भगवान विष्णु चार महीने की निंद्रा के बाद जागते हैं। इस महीने में भगवान विष्णु के साथ तुलसी पूजन का विशेष महत्व माना गया है। इस महीने में तुलसी और शालिग्राम भगवान का विवाह भी होता है। इसके अलावा भगवान राम भी कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन वनवास से लौट कर अयोध्या आए थे। भगवान राम के वापस आने पर अयोध्या में दीपक जलाए गए थे। कार्तिक महीने में गंगा स्नान, दीपदान, यज्ञ आदि का महत्व है। यही वजह है कि इस महीने को रोशनी का महीना या कहें खुशियों का महीना कहा जाता है और भक्त भगवान के समक्ष दीपक जला कर आराधना करते हैं। इस्कॉन मंदिर में कार्तिक महीने के उपलक्ष्य में आई सूरत की फैशन डिजाइनर सुरुस्ती ने बताया कि कार्तिक महीने में भगवान कृष्ण ने दामोदर लीला भी की थी। इसलिए इसे दामोदर मास भी कहते हैं। इस महीने दीपक जलाने का अर्थ है कि सभी के जीवन में आध्यात्मिक उजाला आए। रसिया से आई महिला भक्त जोनिया ने बताया कि प्रभुपाद जी कहते हैं कार्तिक महीने में कीर्तन करें भगवान को प्रसन्न करें।
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Author: Vijay Singhal
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