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मथुरा पुलिस ने एटीएम बदलकर फ्रॉड करने वाले 4 आरोपी किए गिरफ्तार

ByVijay Singhal

Oct 14, 2022
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हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल

मथुरा पुलिस ने 4 ऐसे फ्रॉड को गिरफ्तार किया है जो एटीएम बदलकर लाखों रुपए खाते से निकाल लेते थे। पकड़े गए आरोपी भोले भाले लोगों के एटीएम बदलकर ऑनलाइन फ्रॉड करते थे। आरोपी खातों से रुपए निकालने के लिए स्वाइप मशीन के जरिए ठगी करते थे। पुलिस की गिरफ्तार में आए आरोपियों का एक संगठित गिरोह है। इस गिरोह के सदस्य एटीएम मशीन के आस- पास खडे रहते है। जैसे ही कोई व्यक्ति एटीएम मशीन पर रुपए निकालने आता है यह लोग अनुमान लगाते हैं कि इसे आसानी से शिकार बनाया जा सकता है। टारगेट व्यक्ति एटीएम मशीन के अन्दर प्रवेश करता है ठीक उसके पीछे इनका एक साथी प्रवेश कर जाता है तथा रुपए निकालने वाला व्यक्ति अपना एटीएम कार्ड मशीन में स्वाइप करता है। पीछे खड़ा व्यक्ति उसके पिन कोड को छिपकर पढ लेता है । इसी दौरान दूसरा साथी भी एटीएम मशीन में प्रवेश कर जाता है दूसरा साथी उसे झांसा देकर बातों में लगाने का प्रयास करता है । इतने में ही वह पहला साथी एटीएम मशीन के की-पैड पर कैंसिल अथवा बैक बटन दबा देता है। जिससे उसका ट्रांजैक्शन कैंसिल हो जाता है और दोनों साथी इस तरह उसको प्रभाव में ले लेते है और कहते है कि यह कार्ड अथवा मशीन खराब है और उसका कार्ड लेकर स्वयं शर्ट से रगड कर साफ करने लगते है। इतने में दूसरा साथी उसको अपनी तरफ आकर्षित कर बात करने लगता है और बडी सफाई से एटीएम कार्ड बदल देता है। पुलिस ने विक्रम शर्मा पुत्र नीरज शर्मा, आशीष कुमार पुत्र कनिक मण्डल, सलमान पुत्र रज्जाक, अतुल कुमार महतो पुत्र अर्जुन महतो को फर्जी ATM कार्डों,आधार कार्डों व साइबर फ्रॉड करने के उपकरण लैपटॉप, माइक्रों ATM कार्ड मशीनें, कार्ड स्वाइप मशीनें, POS मशीन व अवैध शस्त्र,कारतूस आदि सहित अवैरनी चौराहे से गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपियों ने अपने साथियों के साथ मिलकर कस्बा बलदेव के कैनरा बैंक के एटीएम से एक महिला मोनिका पत्नी राजकुमार निवासी झरौठा थाना बलदेव का एटीएम बदलकर 1 लाख 30 हजार रुपए, 2 अक्टूबर को इसी कैनरा बैंक के एटीएम से अजीत पुत्र शंभू सिंह निवासी ग्राम अरतौनी का एटीएम कार्ड बदलकर 1 लाख 69 हजार रुपए, 24 जुलाई को HDFC बैंक के एटीएम में महोली से कार्ड बदलकर 3 लाख रुपए स्वाइप,ट्रांजैक्शन,ऑनलाइन शॉपिंग कर निकाले। इन घटना के सम्बन्ध में थाना बल्देव पर आरोपियों के साथ मुकद्दमा दर्ज किए गए। आरोपियों ने 28 अगस्त को लक्ष्मी नगर में ICICI बैंक के एटीएम से कार्ड बदलकर 1 लाख 39 हजार रुपए निकालने की घटना को स्वीकार किया है। इस घटना के सम्बन्ध में थाना जमुनापार पर अभियोग पंजीकृत है । आरोपियों की एटीएम बदलकर लोगों से ठगी करने की यह पूरी कार्यवाही मात्र कुछ सैकण्डों की होती है । जिस बैंक का ग्राहक का कार्ड होता है उसी बैंक के कार्ड से आरोपी अपना कार्ड बदल देते हैं। बदले हुए कार्ड को मशीन में डालकर उस व्यक्ति से कोड डालने की बोल कर दोनों वापस आ जाते है। पलक झपकते ही अपने अन्य साथियों के साथ चार पहिया अथवा मोटर साइकिल से भाग जाते है। इसके बाद साथ में लिए POS मशीन में कार्ड स्वैप कर ट्रांजैक्शन कर लेते है तथा ट्रांजैक्शन किया हुआ रुपया स्वैप मशीन से लिंक एकाउंट में जाता है। उस लिंक एकाउंट से अपने साथियों के खातों में पैसा ट्रांसफर कर एटीएम मशीनों पर जाकर कैश निकाल लेते है । यह प्रकिया मात्र 5 से 7 मिनट में ही पूरी कर ली जाती है। क्योंकि POS मशीन इन लोगों के पास होती है । कुछ पैसे भ्रमित करने के लिए एटीएम मशीन से भी कार्ड से निकालते है। कभी-कभी यह लोग शॉपिंग भी कर लेते है। पैसे एटीएम कार्ड एवं POS मशीन की ट्रांजैक्शन लिमिट के अनुरुप निकालते है। आशीष फरीदाबाद में जनसेवा केन्द्र भी चलाता है। वहां लोगों के आधार कार्ड एकत्रित कर उन आधार कार्डों का प्रयोग फर्जी सिम लेने फर्जी एकाउंट खाता खोलने तथा फर्जी आधार कार्डों से स्वैप मशीन अलॉट कराकर उक्त धोखाधडी का कार्य करते है तथा पैसों तुरंत निकाल लेते है। आरोपी विक्रम फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, श्रम कार्ड के माध्यम से पेटीएम व भारत पे मर्चेट के फर्जी POS मशीन आवंटित करता था। विक्रम पूर्व में पेटीएम बैंक में POS लगाने की जॉब करता था। जिससे उसे फर्जी मर्चेट बनाने के तरीके मालूम थे। दोनों आरोपी मिलकर फर्जी दस्तावेज के आधार पर किसी भी दुकान,मकान पर फर्म का साइन बोर्ड लगाकर पेटीएम व भारत पे पर फर्जी POS मर्चेट बना लेते थे। पुलिस की गिरफ्त में आए आशीष ने पूछताछ पर बताया कि उसके सात बैंक एकाउंट है। धोखाधडी से प्राप्त पैसों को उन खातों में ट्रांसफर करता था तथा उसके बाद कैश निकाल कर अपने गैंग के सदस्यों को उनकी योग्यता एवं कार्य के अनुसार पर्सेंट देता था। जिसमें किसी सदस्य को 20 प्रतिशत किसी को 15 प्रतिशत तो किसी को 10 प्रतिशत दिया जाता था । आशीष ने यह भी बताया कि उसने धोखाधडी से प्राप्त धन से अपना सात – आठ लाख रुपए का ऋण चुकता किया है तथा 70 ग्राम सोना खरीदा है। कुछ पैसा ऐशो आराम पर खर्च किया है । इसी प्रकार विक्की उर्फ विक्रम शर्मा ने बताया कि वह पेटीएम में जॉब भी करता है वहाँ से धोखाधडी के लिए अपने मामा , मित्र तथा आशीष के मित्रों के नाम भारत पे व पेटीएम मशीनें एलाट कराई थी। क्योंकि एक आई डी से एक कम्पनी की एक ही POS मशीन जारी हो सकती है । जिन लोगों के नाम से POS मशीनों जारी करायी जाती थी उन्हें भी कुछ प्रतिशत धन दिया जाता है तथा यह भी बताया कि जो पैसा हमने अब तक कमाया वो ऐशो आराम तथा कोरोना काल में लिए गये कर्ज को चुकता करने में किया है। सलमान ने कमाये धन को अपने कपडे की शॉप के व्यापार को बढाने के लिए लगाया है ।पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों से एक लैपटॉप,9 माइक्रो ATM कार्ड मशीनें, 4 स्वाइप मशीनें, 3 POS मशीन,4 मोबाइल फोन,1 तमंचा .315 बोर व 2 जिन्दा कारतूस,1 पैन कार्ड,फर्जी एटीएम कार्ड व आधार कार्ड मोटर साइकिल अपाचे व 31 हजार रुपए नगद बरामद किए हैं।

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Vijay Singhal
Author: Vijay Singhal

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