हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। शासन के निर्देश पर जनपद में हुए सर्वे में 16 अवैध मदरसे संचालित होते मिले। इसमें सर्वाधिक संख्या छाता तहसील की है। यहां ऐसे 6 मदरसे मिले। महावन तहसील में एक भी अवैध मदरसा नहीं मिला है। इन सभी मदरसों में अरबी और उर्दू भाषा के साथ दीनी शिक्षा दी जा रही है।
प्रदेश सरकार ने डीएम मथुरा को जनपद में अवैध रूप से संचालित मदरसों का सर्वे कराने का आदेश दिया था। इसके लिए निर्धारित प्रारूप भी भेजा गया था। सर्वे की जिम्मेदारी शासन के निर्देश पर जिलाधिकारी पुलकित खरे ने सभी तहसील के एसडीएम और अल्पसंख्यक व बेसिक शिक्षाधिकारी को दी। सर्वे में जनपद में 16 मदरसा अवैध रूप से संचालित होते मिले हैं। इनका रजिस्ट्रेशन सोसाइटी चिट फंड कार्यालय में है लेकिन मदरसा बोर्ड से मान्य नहीं है। इस सूची में सदर तहसील के तीन, मांट तहसील के चार, छाता तहसील के छह और गोवर्धन के तीन मदरसे शामिल हैं। सर्वे में पाया गया कि अधिकांश मदरसों में अरबी और उर्दू भाषा के साथ दीनी तालीम देते हैं। अनेक मदरसे आवासीय भी हैं। महावन क्षेत्र में मदरसा न होने के कारण अनेक मुस्लिम बच्चे सदर और मांट तहसील अंतर्गत संचालित मदरसों में पढ़ रहे हैं। यह भी तथ्य सामने आए कि बहुत से बच्चे मदरसा में पढ़ने के अलावा सामान्य शिक्षा नहीं प्राप्त कर रहे हैं, कुछ बच्चे मदरसों के साथ परिषदीय विद्यालयों में सामान्य शिक्षा भी प्राप्त करते हुए मिले हैं। इन सभी मदरसों में छात्रों की संख्या 20 से 50 तक मिली है। जिला अल्पसंख्यक अधिकारी का दायित्व निभा रही पिछड़ा वर्ग अधिकारी विजय लक्ष्मी मौर्य ने बताया कि सर्वे की प्रक्रिया जारी है, जल्द ही रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जाएगी
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Author: Vijay Singhal
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