हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। वृंदावन में राधानाम का प्रचार-प्रसार कर दुनियाभर में युवाओं को सनातन के प्रति प्रेरित कर रहे संत प्रेमानंद का स्वास्थ्य अब ठीक हो रहा है। कथावाचक गोभक्त देवी चित्रलेखा व भजन गायक कन्हैया मित्तल ने संत प्रेमानंद से मुलाकात कर आशीर्वाद लिया और उनकी कुशलक्षेत्र पूछी। संत ने कहा हम जब भी बीमार पड़ते हैं तो संतों, धर्माचार्याें के इतने आशीर्वाद एक साथ मिल जाते हैं कि हम फिर से ठीक हो जाते हैं। नहीं हो दोनों किडनियां फेल होेने के बाद भी कौन ठीक होता है। श्रीराधा केलिकुंज में मंगलवार सुबह करीब साढ़े सात बजे कथावाचक गोभक्त देवी चित्रलेखा मिलने पहुंचीं। देवी चित्रलेखा ने संत प्रेमानंद को कोटवन में स्थित गोशाला व उपचार केद्र में गोपाष्टमी पर आयोजित वार्षिकोत्सव का निमंत्रण पत्र सौंपा। गोशाला में गायों की सेवा के बारे में जानकारी दी। संत ने कहा उत्तम धन की सार्थकता यही है कि जो गाय असमर्थ, रोगी हैं, उनका दुख निवारण हो।
आप भगवान की पार्षद हैं, नाम यश गाओ, जितना परोपकार कर सको उससे अधिक करो। जिस तरह परोपकार कर रही हो, ऐसे ही करो। भगवान की कृपा जिस पर होती है, उसे परोपकार करने का मौका मिलता है। जितना मिले खुद पर कम खर्च बल्कि परोपकार में अधिक खर्च करना चाहिए। जो दूसरों को सुख देता है, भगवान इससे बहुत प्रसन्न होते हैं। देवी चित्रलेखा ने सवाल किया कि हमने ब्रज में जन्म तो लिया। लेकिन, ब्रजवास नहीं हो रहा। संत ने कहा हम ब्रजनंदन के आश्रित व ब्रजकिशोरी का चिंतन करते हैं। सनातन का प्रचार करने का मौका मिल रहा है, तो हमें पश्चाताप नहीं करना चाहिए।
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Author: Vijay Singhal
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