हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। उपचार के बाद भी मरीजों का दर्द कम नहीं हो रहा है। इसके लिए गुणवत्ताहीन दवाएं भी जिम्मेदार हैं। ऐसी ही तीन दवाएं जांच में फेल हो गईं। इनमें दवा की मात्रा निर्धारित से कम मिली। जांच रिपोर्ट के आधार पर औषधि निरीक्षक प्रेम पाठक ने कार्रवाई शुरू कर दी है। दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और नकली दवाओं के कारोबार पर शिकंजा कसने के लिए नियमित औषधि निरीक्षक द्वारा दवाओं के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे जाते हैं। प्रयोगशाला में इन दवाओं की जांच कर इसकी रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाती है। औषधि निरीक्षक प्रेम पाठक द्वारा तीन महीने पहले भेजे गए दवाओं के नमूनों में से तीन दवाएं जांच में फेल हो गईं। इसमें चंदनवन स्थित गुप्ता मेडिकल स्टोर से ली गई टैबलेट महाकाल 500, कोसीकलां के पूनिया मेडिकल स्टोर से लिया गया कैप्सूल मिरैब डीएसआर और बिरला मंदिर के पास स्थित प्रशांत मेडिकल स्टोर से ली गई टैबलेट बीटाफ्लॉक्स ओजेड शामिल हैं। टैबलेट महाकाल 500 में में कैल्शियम की मात्रा, कैप्सूल मिरैब डीएसआर में रेबीप्राजोल की मात्रा और बीटाफ्लॉक्स ओजेड में ओफ्लाक्सासिन दवा की मात्रा निर्धारित से कम थी। औषधि निरीक्षक ने बताया कि दवा की मात्रा निर्धारित से कम होने पर संबंधित दवा मर्ज के उपचार में प्रभावी नहीं होती है। इससे मरीजों को ठीक होने में लंबा समय लगने के साथ ही बीमारी और भी बढ़ सकती है। जांच रिपोर्ट आने के बाद औषधि निरीक्षक ने दवा के संबंध में विक्रेताओं को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जवाब आने के बाद मुकदमे की कार्रवाई की जाएगी। प्रेम पाठक, औषधि निरीक्षक ने बताया, तीन दवाएं जांच में फेल हो गई हैं। इनमें दवा की मात्रा निर्धारित से कम पाई गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर विक्रेताओं को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। जवाब आने के बाद मुकदमे की कार्रवाई की जाएगी।
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Author: Vijay Singhal
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