हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। महानगर के पुराने प्रसिद्ध अस्पताल मेथोडिस्ट की जमीन पर बिना मानचित्र स्वीकृत कराए अवैध कॉलोनी का निर्माण बदस्तूर जारी है। सूत्र बताते हैं इस अवैध कॉलोनी के संबंध में मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकार द्वारा ध्वस्तीकरण का नोटिस भी जारी किया चुका है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार नई महा योजना 2031 में उक्त जमीन का लैंड यूज नर्सिंग होम ही दर्ज है। पूर्व में भी इस जमीन पर मेथोडिस्ट अस्पताल बना हुआ था। बताते हैं यह जमीन ईसाई मिशनरीज ने कुछ लोगों को बेची है। इस अवैध कॉलोनी को बचाने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी के कुछ नेता विकास प्राधिकरण के अधिकारियों पर दबाव बनाए हुए हैं। नियमानुसार इस जगह पर केवल स्वास्थ्य सुविधा संबंधी भवन बनाया जा सकता है। इस संबंध में पूछे जाने पर विकास प्राधिकरण सचिव अरविंद द्विवेदी ने कहा कि विभिन्न समाचार पत्र और सोशल मीडिया से जानकारी प्राप्त हो रही है कि उक्त स्थान पर पुन: अवैध निर्माण किया जा रहा है जिसको लेकर अवर अभियंता को निर्देश दिए गए है कि वह तत्काल जेसीबी ले जाकर मुख्य गेट सहित जो भी पक्का निर्माण मौके पर उसको ध्वस्त करा दे । उन्होंने बताया पूर्व में तीन बार जेसीबी से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई स्थानीय पुलिस बल की मौजूदगी में की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि अब मुकदमा दर्ज कराने की भी कार्रवाई की जाएगी। बताया जाता है राहुल अग्रवाल, मेथोडिस्ट चर्च जयसिंहपुरा द्वारा लगभग 11000 वर्ग गज क्षेत्रफल में भूमि को समतल करने का कार्य किया गया जिसमे विभाजन करने हेतु दीवार लगाई गई। प्राधिकरण की चैकिंग टीम को स्थल पर कोई स्वीकृति नहीं दिखाये जाने पर प्राधिकरण द्वारा उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम-1973 की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत कार्यवाही करते हुए वाद संख्या- 451/2023-24 योजित किया गया था। राहुल अग्रवाल द्वारा उक्त अवैध भू-विभाजन के सम्बन्ध में कोई मानचित्र स्वीकृति सम्बन्धी अभिलेख प्रस्तुत नहीं किये गये। तत्पश्चात् विपक्षी द्वारा कराये गये अवैध निर्माण के विरूद्ध ध्वस्तीकरण आदेश 06 मई 2024 पारित किया गया। उक्त आदेश में यह अंकित किया गया था “उक्त अवैध निर्माण को 15 दिन के अन्दर ध्वस्त कराकर मलवा हटालें अन्यथा आदेश पारित होने के 15 दिन के बाद उक्त अवैध निर्माण को प्राधिकरण अपने खर्चे पर ध्वस्त करा देगा एवं इस कार्यवाही पर जो भी व्यय आयेगा उसे विपक्षी से भू-राजस्व की भांति वसूल किया जायेगा। पारित ध्वस्तीकरण आदेश के क्रम में 20 जून 2024 को उक्त अवैध निर्माण को ध्वस्त करा दिया गया है।
