हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा के पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय का 14वां दीक्षांत समारोह सोमवार को गरिमा एवं उल्लास के साथ संपन्न हुआ। मेधावी छात्र-छात्राओं को राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने स्नातक स्नातकोत्तर एवं पीएचडी की 129 उपाधियों के साथ 15 स्वर्ण, चार रजत और दो कांस्य पदक प्रदान किए गए। कुलाधिपति ने राष्ट्रगान एवं पर्यावरण गीत के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अनिल कुमार श्रीवास्तव ने स्वागत भाषण एवं विश्वविद्यालय की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। मुख्य अतिथि नीति आयोग, भारत सरकार के सदस्य प्रो. रमेश चंद ने पं. दीनदयाल उपाध्याय का स्मरण करते हुए उनके समाज के प्रति योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारतीय कृषि क्षेत्र विशेषकर पशुपालन क्षेत्र की वर्तमान चुनौतियों पर चर्चा की एवं पशुपालन क्षेत्र के सतत भविष्य तथा पशु चिकित्सा शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया।
इसके अतिरिक्त, एंटी-माइक्रोबियल रेजिस्टेंस जैसी गंभीर समस्याओं एवं उसके समाधान की रणनीतियों पर भी मुख्य अतिथि ने प्रकाश डाला। इस समारोह में 64 पशु चिकित्सा स्नातकों, 19 जैव प्रौद्योगिकी स्नातकों, 42 स्नातकोत्तर छात्रों एवं चार पीएचडी धारकों को उपाधियां प्रदान की गईं । राज्यपाल ने छात्राओं को उनकी शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए सराहा और इसे महिला सशक्तिकरण का उदाहरण बताया। उन्होंने अधिक महिला भागीदारी के लिए विश्वविद्यालय की सराहना की। कहा कि महिलाओं की तरक्की से विश्व में भारत का मान बढ़ेगा।
राज्यपाल ने अपने भाषण में कुपोषण जैसी कुछ गंभीर समस्याओं पर चर्चा की। छात्रों को इसके उन्मूलन की दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बकरी के दूध के सेवन के महत्व पर भी प्रकाश डाला और गोद लिए गए गांवों के पांच स्कूलों के बच्चों को बकरी का दूध उपलब्ध कराने के लिए विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की।
राज्यपाल ने अपने भाषण में कुपोषण जैसी कुछ गंभीर समस्याओं पर चर्चा की। छात्रों को इसके उन्मूलन की दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बकरी के दूध के सेवन के महत्व पर भी प्रकाश डाला और गोद लिए गए गांवों के पांच स्कूलों के बच्चों को बकरी का दूध उपलब्ध कराने के लिए विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की महिला अध्ययन केंद्र इकाई के प्रयासों की भी सराहना की, जो ग्रामीण महिलाओं के विकास के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रही है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने पशुधन क्षेत्र के महत्व और पशुधन उत्पादों की निर्यात क्षमता पर भी चर्चा की। गुणवत्ता शोध को प्रोत्साहित करने के लिए, उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठित पत्रिकाओं के लिए “एक राष्ट्र, एक सदस्यता” प्रस्ताव को भी रेखांकित किया।
पशु चिकित्सा स्नातकों में शालवी श्रीवास्तव को विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक प्रदान किया गया, जबकि यशवर्धन मिश्रा को रजत एवं नितीश कुमार को कांस्य पदक प्रदान किया गया। जैव प्रौद्योगिकी स्नातकों में शुभी तिवारी को स्वर्ण पदक, ज्योति सिंह को रजत पदक एवं तुषार बंधु को कांस्य पदक मिला। स्नातकोत्तर छात्रों में रूपम सचान को स्वर्ण पदक एवं मोहिनी शर्मा को रजत पदक प्रदान किया गया। इसके अलावा विभिन्न प्रतिष्ठित स्वर्ण पदक भी प्रदान किए गए, जिनमें आईएसवीपीटी मेडल, दुवासु आईपीएसए यूजी स्वर्ण पदक, डॉ. पी.जी. पांडे स्मृति स्वर्ण पदक, पं. जानकीनाथ मदान स्मृति स्वर्ण पदक, कर्नल वाईएन उपाध्याय स्मृति स्वर्ण पदक, डॉ. जितेंद्र कुमार स्मृति स्वर्ण पदक, डॉ. पी राय स्मृति स्वर्ण पदक, डॉ. माही पाल सिंह स्मृति स्वर्ण पदक आदि शामिल थे।
पशु चिकित्सा स्नातकों में शालवी श्रीवास्तव को विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक प्रदान किया गया, जबकि यशवर्धन मिश्रा को रजत एवं नितीश कुमार को कांस्य पदक प्रदान किया गया। जैव प्रौद्योगिकी स्नातकों में शुभी तिवारी को स्वर्ण पदक, ज्योति सिंह को रजत पदक एवं तुषार बंधु को कांस्य पदक मिला। स्नातकोत्तर छात्रों में रूपम सचान को स्वर्ण पदक एवं मोहिनी शर्मा को रजत पदक प्रदान किया गया। इसके अलावा विभिन्न प्रतिष्ठित स्वर्ण पदक भी प्रदान किए गए, जिनमें आईएसवीपीटी मेडल, दुवासु आईपीएसए यूजी स्वर्ण पदक, डॉ. पी.जी. पांडे स्मृति स्वर्ण पदक, पं. जानकीनाथ मदान स्मृति स्वर्ण पदक, कर्नल वाईएन उपाध्याय स्मृति स्वर्ण पदक, डॉ. जितेंद्र कुमार स्मृति स्वर्ण पदक, डॉ. पी राय स्मृति स्वर्ण पदक, डॉ. माही पाल सिंह स्मृति स्वर्ण पदक आदि शामिल थे।
कुल पदक विजेताओं में 54 फीसदी छात्र एवं 46 फीसदी छात्राएं थीं। चार सर्वश्रेष्ठ शोध प्रबंध पुरस्कार एमवीएससी तथा चार पीएचडी के लिए प्रदान किए गए । बेसिक वेटरनरी साइंस श्रेणी में एमवीएससी सर्वश्रेष्ठ शोध प्रबंध पुरस्कार डॉ. उमाशंकर रावत को दिया गया, वेटरनरी पैरा-क्लिनिकल विषयों में डॉ. निधि को, एनिमल प्रोडक्शन साइंस श्रेणी में डॉ. अंकिता पटेल को एवं वेटरनरी क्लिनिकल विषयों में डॉ. अनुपमा वर्मा को प्रदान किया गया।
इसी तरह, बेसिक वेटरनरी साइंस श्रेणी में पीएचडी सर्वश्रेष्ठ शोध प्रबंध पुरस्कार डॉ. खंदैत विवेक नाथूजी को, वेटरनरी पैरा-क्लिनिकल विषयों में डॉ. राउत आकाश को, एनिमल प्रोडक्शन साइंस श्रेणी में डॉ. अवनीश कुमार को एवं वेटरनरी क्लिनिकल विषयों में डॉ. संजय कुमार मिश्रा को प्रदान किया गया।
सर्वश्रेष्ठ विभाग का पुरस्कार वेटरनरी फार्माकोलॉजी एवं टॉक्सिकोलॉजी विभाग को प्रदान किया गया, जबकि डॉ. अजय प्रताप (एसोसिएट प्रोफेसर, वेटरनरी माइक्रोबायोलॉजी) को विश्वविद्यालय के सर्वश्रेष्ठ शिक्षक के रूप में सम्मानित किया गया।
दीक्षांत समारोह के दौरान 20 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ट्राइसाइकिल, झूला घोड़ा, अक्षर, फल, पशु ब्लॉक्स, पजल, गेंद, मिट्टी की रिंग्स, पंचतंत्र की कहानी की किताबें, शैक्षिक मानचित्र, व्हाइट बोर्ड, मार्कर, डस्टर, किडनी आकार की टेबल एवं कुर्सियां वितरित की गईं। सर्वश्रेष्ठ संरक्षित आंगनबाड़ी केंद्र का पुरस्कार गढ़ी डड्डी, ब्लॉक छौमुहा को प्रदान किया गया।
महिला अध्ययन केंद्र इकाई के माध्यम से विश्वविद्यालय ने पांच गोद लिए गए गांवों के विद्यालयों में चित्रकला, कहानी लेखन एवं भाषण प्रतियोगिताएं आयोजित कीं। कुल 18 विजेताओं को राज्यपाल द्वारा प्रशंसा प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए। इन विद्यालयों के छात्रों को कहानी की किताबें, ड्राइंग बुक्स, पेंसिल बॉक्स, पेंसिल, इरेज़र, शार्पनर, क्रेयॉन कलर पैकेट्स, बकरी का दूध एवं रिफ्रेशमेंट बॉक्स वितरित किए गए।
सर्वश्रेष्ठ विभाग का पुरस्कार वेटरनरी फार्माकोलॉजी एवं टॉक्सिकोलॉजी विभाग को प्रदान किया गया, जबकि डॉ. अजय प्रताप (एसोसिएट प्रोफेसर, वेटरनरी माइक्रोबायोलॉजी) को विश्वविद्यालय के सर्वश्रेष्ठ शिक्षक के रूप में सम्मानित किया गया।
दीक्षांत समारोह के दौरान 20 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ट्राइसाइकिल, झूला घोड़ा, अक्षर, फल, पशु ब्लॉक्स, पजल, गेंद, मिट्टी की रिंग्स, पंचतंत्र की कहानी की किताबें, शैक्षिक मानचित्र, व्हाइट बोर्ड, मार्कर, डस्टर, किडनी आकार की टेबल एवं कुर्सियां वितरित की गईं। सर्वश्रेष्ठ संरक्षित आंगनबाड़ी केंद्र का पुरस्कार गढ़ी डड्डी, ब्लॉक छौमुहा को प्रदान किया गया।
महिला अध्ययन केंद्र इकाई के माध्यम से विश्वविद्यालय ने पांच गोद लिए गए गांवों के विद्यालयों में चित्रकला, कहानी लेखन एवं भाषण प्रतियोगिताएं आयोजित कीं। कुल 18 विजेताओं को राज्यपाल द्वारा प्रशंसा प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए। इन विद्यालयों के छात्रों को कहानी की किताबें, ड्राइंग बुक्स, पेंसिल बॉक्स, पेंसिल, इरेज़र, शार्पनर, क्रेयॉन कलर पैकेट्स, बकरी का दूध एवं रिफ्रेशमेंट बॉक्स वितरित किए गए।
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Author: Vijay Singhal
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