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छाता में 50 सालों से जर्जर पड़ा घंटाघर:ना घड़ी लगी और ना ही रंग-रोगन हुआ, ईंटें गिर रहीं, स्थानीयों को हादसे की आशंका

ByVijay Singhal

Nov 25, 2022
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हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। छाता तहसील में नगर पालिका कोसीकला के सबसे व्यस्ततम मार्ग कहे जाने वाले पुराना जीटी रोड पर स्थित घंटाघर देखरेख के अभाव में जर्जर हो चुका है। जर्जर घंटाघर से गिर रहीं लेंटर की पर्त एवं ईंटों से अब तक दर्जनों लोग चोटिल हो चुके है। पालिका प्रशासन की लापरवाही की वजह से तकरीबन 50 वर्ष पूर्व बने घंटाघर पर अभी तक घड़ी नहीं लग पाई है। जबकि घंटाघर के नीचे रिक्शा, ढकेल एवं उसी के ही पास झाड़ी मजदूरों का भी रेला लगा रहता है। बता दें कि नगर वासियों की मांग पर सबसे व्यस्ततम मार्ग पुराना जीटी रोड पर करीब 50 वर्ष पहले तत्कालीन पालिकाध्यक्ष ने नगर के ह्रदय स्थल कहे जाने वाले घन्टाघर का भव्य निर्माण कराया था। जानकार बताते हैं कि घन्टाघर पर उस कार्यकाल के बाद न तो प्लास्टर ही कराया गया और न ही घड़ी ही लगाई गई। बताया जाता है कि घंटाघर पर लगाने के लिए दो अच्छी घड़ी मगवाई गई थी। जिसने नगर पालिका में ही समय दिखाते दिखाते दम तोड़ दिया। अब पालिका की देखरेख के अभाव में उक्त घंटाघर धीरे धीरे जर्जर अवस्था में पहुंच गया है। जो कभी भी जमींदोज हो सकता है। लेकिन पालिका का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। जबकि यह मार्ग रेलवे स्टेशन, बस स्टैण्ड होते हुए कोकिलावन, नन्दगांव रोड से मिलता है। घंटाघर से लगातार गिर रही ईंट व लेंटर की पर्ताें से दहशत में आए लोगों ने अब पालिका प्रशासन पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि घंटाघर के नीचे रेहड़ी वाले, रिक्शे वाले एवं दिहाड़ी मजदूर हमेशा खड़े रहे हैं। इतना ही नहीं, घंटाघर के नीचे कई स्कूली बसों का स्टॉपेज है। जहां से दर्जनों कॉलोनियों के बच्चे अपनी बसों का इंतजार करते हैं। आसपास भी कई ऐसी दुकानें है कि अगर कोई अनहोनी हुई तो सैकड़ों लोग इसकी चपेट में आ सकते हैं। नगर के लोगों ने पालिका की लापरवाही भरे रवैये से परेशान होकर जिला प्रशासन से तत्काल जर्जर घंटाघर के जीर्णाेद्धार कराने की मांग की है।

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Vijay Singhal
Author: Vijay Singhal

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