12 मार्च मंगलवार सुबह 6:00 बजे से श्री सदगुरुदेव का अभिषेक 8:30 बजे से श्रीमद् गोपाल विलास संकीर्तन एवं कथा 9:00 बजे से द्विजातीय बालकों के उपनयन संस्कार का आरंभ 9:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक एवं शाम 3:00 बजे से 6:00 बजे तक महापुरुषों के सदुपदेश होंगे। 13 मार्च बुधवार सुबह 6:00 बजे से श्री गुरु कार्ष्णि कलापाचार्य जी का अभिषेक 8:00 से 9:00 बजे तक श्रीमद् गोपाल विलास संकीर्तन एवं कथा 9:00 से दोपहर 12:00 तक एवं शाम 3:00 से 5:00 बजे तक महापुरुषों के सदुपदेश शाम 5:00 बजे पाठ विसर्जन झांकी एवं संकीर्तन आश्रम परिक्रमा । 14 मार्च गुरुवार होली महोत्सव प्रातः 10:00 बजे से होली खेली जायेगी।
रमणरेती आश्रम के व्यवस्थापक कार्ष्णि हरदेवानंद महाराज ने बताया रमणरेती आश्रम में पूरे भारतवर्ष के महामंडलेश्वर साधु संत भगवान रमणबिहारी के साथ फूलों से गुलाल एवं टेसू के फूलों द्वारा बनाए गए रंगों से सराबोर हो कर होली खेलेंगे।
फूलों की होली के लिए इंदौर मध्यप्रदेश की मंडी से गुलाब, गेंदा, कमल, डेजी, चंपा, चमेली, लिली, डाहलिया, हिबिस्कुस, सूरजमुखी, मैगनोलिया, बहुलिया, कचनार, कनेर, गुलमोहर, आदि प्रकार के 11 कुंतल फूल मंगाए जायेंगे।
टेसू के फूलों का रंग जयपुर से लाया जाता है जो 11 हजार लीटर पानी में घोलकर पिचकारियों से श्रृद्धालु पर बोछार की जायेगी। श्रृद्धालु एक रंग की पुआर के लिए लालायित रहते हैं। होली पांडाल में पीठाधीश्वर कार्ष्णि गुरुशरणानंद महाराज ठाकुर रमणबिहारी के स्वरुपों की पूजा अर्चना कर फूलों से गुलाल से होली खेलते हैं।