हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। चौमुहां में ब्लॉक के गांव आझई खुर्द में बंदरों के हमले में एक महिला अपनी आठ महीने की बच्ची सहित छत से नीचे गिर गई। हादसे में बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि महिला घायल हो गई। उसको अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गांव के विपिन सिंह की पत्नी पूजा गत दिवस घर की छत पर आठ माह की बच्ची गुड़िया को लेकर बैठी थी। इसी दौरान बंदरों ने उस पर हमला बोल दिया। बंदरों से बचने के प्रयास में वह हड़बड़ाहट में छत से नीचे गिर गई। उसकी आठ माह की बच्ची की मौत हो गई। मालूम हो कि पिछले सप्ताह बरसाना में एक वृद्ध महिला घर के आंगन में लेटी थी। इसी दौरान बंदरों ने उन पर हमला कर दिया था। वृद्धा की मौत हो गई थी।
मथुरा-वृंदावन में करीब 2.5 लाख बंदर बताए जाते हैं। इनके उत्पात के कारण लोग परेशान हैं। पुरानी और घनी आबादी में पुराने मकानों पर बंदरों की उछलकूद के कारण आए मकान गिर रहे हैं। शहरों से धीरे-धीरे बंदर अब गांव की तरफ बढ़ रहे हैं। बांकेबिहारी, द्वारिकाधीश समेत अन्य मंदिरों के आसपास बंदरों का जमघट श्रद्धालुओं के लिए मुसीबत बन रहा है। कभी चश्मा तोड़ देते हैं तो कभी हाथ से खीने पानी की वस्तुएं छीन लेते हैं। पर्स भी छीन लेते हैं। हमला करके घायल कर देते हैं। पिछले साल होली गेट पर बंदर ने रुपयों से भरा बैग छीन उसमें सड़क पर फैला दिए थे। कुछ लोग रुपये लेकर फरार भी हो गए थे।

बंदरों को पकड़ने की नहीं मिलती है परमीशन
सबसे बड़ी दिक्कत यह भी हो रही है कि अब वन विभाग बंदरों को पकड़ने की अनुमति भी नहीं दे रहा है। चंबल समेत अन्य स्थानों पर बंदरों के खाने पानी की सुविधा न होने के कारण बंदर नहीं पकड़े जा रहे हैं। नगर आयुक्त अनुनय झा ने बताया कि वन विभाग से अनुमति लेने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जब तक मंकी सफारी नहीं बनेगी, समस्या का समाधान नहीं होगा। मंकी सफारी के लिए सांसद हेमा मालिनी संसद में भी अपनी बात कह चुकी हैं।
सबसे बड़ी दिक्कत यह भी हो रही है कि अब वन विभाग बंदरों को पकड़ने की अनुमति भी नहीं दे रहा है। चंबल समेत अन्य स्थानों पर बंदरों के खाने पानी की सुविधा न होने के कारण बंदर नहीं पकड़े जा रहे हैं। नगर आयुक्त अनुनय झा ने बताया कि वन विभाग से अनुमति लेने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जब तक मंकी सफारी नहीं बनेगी, समस्या का समाधान नहीं होगा। मंकी सफारी के लिए सांसद हेमा मालिनी संसद में भी अपनी बात कह चुकी हैं।
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Author: Vijay Singhal
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