हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा में कान्हा की नगरी कुंभकारों ने मिट्टी के दीपकों की तैयारी पूरी कर ली है , परंपरा के अनुशार मिट्टी से बने दीपकों को पावन व पवित्र माना जाता है , जोकि पंचतत्व से बने होते है , दीपावली के दिन दीप दान करने का सदियों से विधान है , जिसे लेकर कान्हा की नगरी में देश के कौन कौन से लेकर विदेशों से श्रद्धालु दीप दान करने के लिए मथुरा नगरी में पहुच रहे है। नए जमाने की हवा भले ही पुराने रीति-रिवाजों को पीछे छोड़ने पर उतारू हो मगर आज भी मिट्टी के एक छोटे से दीपक की लौ के आगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की चकाचौंध के बाजार की चमक फीकी ही है। करवा चौथ हो या अहोई अष्टमी, दीपावली हो अथवा कोई अन्य त्योहार, ये कुंभकारों के चाक और बर्तनों के बिना पूरे नहीं होते। कुंभकारों के चाक से बने खास दीये दीपावली में चार चांद लगाते हैं , दीपावली का त्यौहार आगामी 24 तारीख सोमवार की है , ऐसे में कुम्भकारों के चाक ने गति पकड़ ली है और मिट्टी के दीपक बनाने का काम तेज कर दिया है। मिट्टी का दीपक पांच तत्वों से मिलकर बनता है जिसकी तुलना मानव शरीर से की जाती है , पानी, आग, मिट्टी, हवा तथा आकाश तत्व ही मनुष्य व मिट्टी के दीपक में मौजूद होते हैं , दीपक जलाने से ही समस्त धार्मिक कर्म शुरू होते हैं।
दीपावली के शुभ अवसर पर मिट्टी के दीपकों का ही अत्यंत महत्व बताया गया है , वास्तु शास्त्र में इसका महत्व इस बात से है , कि यदि घर में अखंड दीपक की जलाने व्यवस्था की जाए तो वास्तु दोष समाप्त होता है। कान्हा की नगरी मथुरा में दीपावली के पावन पर्व पर देश के कोने कोने से लेकर विदेशों से कान्हा के भक्त गिरिराज धाम में दीप दान करने को आते है। जहां लाखों की संख्या में कृष्ण भक्त दीप दान कर अपने आराध्य श्री कृष्ण से मनोती मांगते ये परम्परा सदियों पुरानी है।
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Author: Vijay Singhal
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