हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। यम द्वितीया पर यमुना किनारे एक अजब नजारा भी देखने को मिलेगा। एक-दूसरे से अपरिचित सैकड़ों भाई किसी को धर्म बहन तो वहीं बहनें धर्म भाई बनाकर हाथ पकड़कर यमुना में पवित्र डुबकी लगाएंगी। इसके साथ ही यमराज उन्हें अपनी फांस से बचाएं और मृत्यु के पश्चात उन्हें यमलोक के चक्कर न लगाने पड़ें। दीपोत्सव का पर्व खुशियों का उत्सव है। इस पर्व पर जहां दीप और मिठाइयों से खुशियां एक दूसरे के घर में झिलमिलाती हैं। भाई दूज का पर्व जहां भाई-बहन के रिश्तों की मजबूती का है वहीं एक अनोखी परंपरा मथुरा में सदियों से चली आ रही है। ये परंपरा है भाई-बहन का यमुना में स्नान करना। धार्मिक मान्यता के अनुसार यमराज ने अपनी बहन यमुना को वरदान दिया था कि यम द्वितीया पर्व पर यदि भाई-बहन एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर यमुना में डुबकी लगाएंगे, तो उन्हें उनके कोप का भाजन नहीं बनना पड़ेगा। धार्मिक मान्यता है कि द्वापर युग में यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने यम द्वितीया के दिन विश्रामघाट पर आए। यमुनाजी ने आदर-सत्कार किया। इस पर धर्मराज ने यमुनाजी से वरदान मांगने के लिए कहा। यमुनाजी ने कहा कि जो यमुना में स्नान करे, वह बैकुंठ को जाए। यमराजजी ने वरदान दिया कि आज के दिन (यम द्वितीया) जो भाई-बहन विश्रामघाट पर हाथ पकड़ कर यमुना स्नान करेंगे, वह बैकुंठ जाएंगे। देश में यमुना तट पर एकमात्र तीर्थ स्थल माने जाने वाले विश्राम घाट पर भाई दूज की सुबह पहली डुबकी लगेगी। तीर्थ पुरोहित अपने यजमानों को मंत्रोच्चारण के साथ यमुना पूजन भी कराएंगे। स्नान करने वाले विश्राम घाट स्थित यमराज मंदिर पर दीपदान कर मृत्यु से निर्भय बने रहने की कामना भी करेंगे। तीर्थ पुरोहित स्नान करने वाले भाइयों को बहन की रक्षा करने का संकल्प भी दिलाएंगे। पूजन में यमुना का श्रृंगार सस्वर यमुनाष्टक से कराया जाएगा। यमुना स्नान को एक लाख तीर्थ यात्री मथुरा पहुंचते हैं। बाहर से आए श्रद्धालुओं दीपावली और अन्नकूट पर श्री कृष्ण जन्म स्थान पर हजारों श्रद्धालु दर्शन लाभ लेते हैं। इस बार पवित्र स्नान के लिए यमुना में भरपूर पानी है। पिछले कई साल से यहां पूर्वांचल के साथ बिहार, झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के श्रद्धालु बड़ी संख्या में आ रहे हैं।
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Author: Vijay Singhal
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