हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। जीआरपी की टीम ने ऐसी लापरवाही बरती कि एक महिला को अपनी बच्ची के अपहरण के आरोप में जेल जाना पड़ा। जीआरपी ने जिस बच्ची को बरामद दिखाया, वह इस महिला की अपनी ही बच्ची थी, पर लाख चिल्लाने पर जीआरपी टीम ने इस महिला की नहीं सुनी। डीएनए जांच से खुलासा हुआ है कि वास्तव में अपह्त बच्ची कोई और है और यह बरामद बच्ची इसी महिला की है। जंक्शन स्टेशन से दो साल पहले 7 जनवरी 2023 को ढाई साल की बच्ची चोरी हुई थी। इसमें मामले में जीआरपी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। जिसमें पुलिस ने 9 माह बाद गिरोह के सदस्यों से बच्ची बरामद की। पुलिस ने इस जल्दबाजी में बच्ची की मां को ही जेल भेज दिया। वह 15 माह से जेल में बंद है। मामला सामने आने के बाद एसपी जीआरपी ने जांच शुरू करा दी है। ऐसे में अब जांच टीम व बच्ची को अपनाने वाली महिला कार्रवाई की जद में आएंगी। जीआरपी थाने में 7 जनवरी को फूलवती ने अपनी ढाई साल की बच्ची के चोरी का मुकदमा दर्ज कराया था। जीआरपी जांच टीम ने 10 अक्टूबर को भिक्षावृत्ति से जुड़े गिरोह को पकड़ा और उनके कब्जे से चोरी हुई ढ़ाई साल की बच्ची को खोज लिया। अन्य लोगों के साथ हिना चौहान को पकड़ा आैर बच्ची बरामद की, लेकिन यह बच्ची महाराष्ट्र निवासी हिना चौहान की थी। जिसमें हिना चौहान ने खुलासे के दौरान बच्ची को अपना बताया था लेकिन जांच टीम पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी। मुकदमा दर्ज कराने वाली फूलवती ने भी बच्ची को अपना बताया था। मामले में हिना और फूलवती का सैंपल डीएनए जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया। जहां से नवंबर 2024 से रिपोर्ट आई जिसमें हिना का डीएनए टेस्ट बच्ची से मेल कर गया। इस बीच 15 माह से जेल में निरुद्ध हिना चौहान बेगुनाह होने के बाद भी 15 माह से जेल काट रही है। अभिषेक वर्मा, एसपी जीआरपी ने बताया, जंक्शन से जनवरी 2023 में बच्ची चोरी हुई थी। पुलिस ने अक्तूबर में बच्ची को बरामद कर लिया। दो महिलाओं द्वारा बच्ची को अपना बताने के लिए डीएनए टेस्ट कराया गया था। जिसमें हिना चौहान के सैंपल से बच्ची का डीएनए मेल कर गया है। मामले में लापरवाही बरतने वाली जांच टीम पर कार्रवाई की जाएगी।
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Author: Vijay Singhal
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