हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। क्या पुलिस विभाग को उनके ही आवास के लिये एलॉट जमीन मिल पाएगी। यह संशय लंबे समय से बना हुआ है। अब डीएम व एसएसपी ने भी इस पर काम करने के निर्देश दिए हैं। बताते चलें कि वर्ष-1992 में तत्कालीन मांट मूला प्रधान लहरी शंकर रावत ने बांगर में 1.2680 हेक्टेयर जमीन का आवंटन पुलिस आवास के लिए किया था। यह अब भी राजस्व रिकॉर्ड में विधिवत अंकित है। पुलिस विभाग की शिथिलता के चलते तब से लेकर अब तक विभाग को अपनी ही जमीन को कभी देखने की फुर्सत नहीं मिली। लोगों ने धीरे धीरे पुलिस की जमीन पर ही कब्जे शुरू कर दिए। कई बार की नपत के बाद भी पुलिस की करीब सवा तीन एकड़ जमीन का चिह्नांकन नहीं हो सका, बल्कि पुलिस की जमीन से सटे पड़ोसी मंगला सिंह ने 17 जुलाई को अपने कब्जे वाले गाटा संख्या की नपत पर स्थगन आदेश ग्राम न्यायालय से प्राप्त कर लिया। इसके बाद उक्त गाटा संख्या की नपत से राजस्व टीम ने हाथ खडे कर दिए थे। पुलिस द्वारा स्थगनादेश के खिलाफ अभी तक कोर्ट में कोई दमदार पैरवी नहीं की गई। शनिवार को सम्पूर्ण समाधान दिवस में आये डीएम चन्द्र प्रकाश सिंह व एसएसपी श्लोक कुमार के सामने यह मामला मांट थाना प्रभारी निरीक्षक जसवीर सिंह ने उठाया। डीएम ने तहसीलदार को निर्देशित किया कि आज ही वह पुलिस को आवंटित जमीन को निकलवायें। वहीं एसएसपी ने सीओ आशीष शर्मा से कहा कि वह अपने स्तर से ग्राम न्यायालय में पैरवी कर स्थगनादेश को समाप्त करवाने का काम करें। यह बात दीगर है कि डीएम के निर्देश को तहसील वालों ने नहीं माना और हर बार की तरह एक बार फिर पुलिस को टाल दिया है।
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Author: Vijay Singhal
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