हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा के वृंदावन में वृंदावन श्री बांकेबिहारी मंदिर का खजाना (तोषखाना) 54 वर्ष के बाद धनतेरस के अवसर पर खोला गया, लेकिन फिलहाल कोई बेशकीमती चीज इसमें नहीं मिली। खजाने में पीतल के बर्तन, संदूक और आभूषणों के खाली बॉक्स ही मिले हैं। अफसरों की निगरानी में दिल्ली से आए सीए ने पूरे सामान की सूची बनाई। खजाने में बड़े पैमाने पर हीरे, जवाहरात होने की बात कही जा रही थी मगर ऐसा कुछ नहीं निकला। इस दौरान सेवायतों ने हंगामा और नारेबाजी भी की। इसके बाद खजाने को फिर से सील कर दिया गया। कमेटी के सदस्य सेवायत दिनेश गोस्वामी ने तोषखाने के द्वार पर दीप जलाकर पूजा की। जंग लगे ताले को कटर से काटा गया। बरसों से बंद पड़े खजाने में गैस निकली। इसके बाद मलबा नजर आया। मलबे की सफाई करने के बाद टीम ने अंदर पहुंचकर तोषखाने को चेक किया। इसी दरम्यान दो सांप निकलने के कारण टीम पीछे हट गई। वन विभाग की टीम ने सांपों को पकड़ा। इसके बाद तलाशी कराई गई। खजाने में अभी तक पीतल के बर्तन, संदूक, लकड़ी का चौखटनुमा मंदिर और आभूषणों के खाली बॉक्स ही निकले हैं। एडीएम प्रशासन पंकज कुमार ने बताया कि खजाने में कोई कीमती वस्तु नहीं मिली है। दोबारा जरूरत हुई तो कोर्ट के आदेश पर इसे फिर से खोला जाएगा।
श्री बांकेबिहारी मंदिर हाईपावर्ड कमेटी के सदस्य दिनेश गोस्वामी का कहना है कि खजाना तो खुल गया लेकिन सवाल जरूर खड़ा कर गया, आखिर सारी चीजें कहां चली गईं। उन्होंने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की है। वह अगली मीटिंग में भी इस बात को प्रमुखता के साथ उठाएंगे। अध्यक्ष से मांग करेंगे कि वह इस मामले जांच कराएं। ऐसा कैसे हो सकता है कि खाली डिब्बे निकलें और माल नहीं। साथ ही बक्से के कुंदे भी कटे निकले। यह मामला अब बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहा है।
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Author: Vijay Singhal
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