हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। भारतीय शास्त्रीय संगीत को वैश्विक पटल पर प्रतिस्थापित करने वाले स्वामी हरिदास जी के अवतरण दिवस पर संगीत जगत की नामचीन हस्तियां कान्हा की नगरी में अपनी संगीत साधना से स्वामी जी को भावांजलि अर्पित करने पहुंची।दो दिवसीय स्वामी हरिदास संगीत एवम नृत्य महोत्सव के प्रथम दिवस हजारों संगीत प्रेमियों ने भारतीय संस्कृति का लुत्फ उठाया। जन जन के आराध्य ठाकुर बांके बिहारी जी को अपनी अप्रतिम संगीत साधना से प्रकट करने वाले स्वामी हरिदास जी ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को नई ऊंचाईयां दी।
शास्त्रीय संगीत के पुरोधा कहे जाने वाले महान संगीतज्ञ तानसेन और बैजू बावरा के गुरु स्वामी हरिदास ने अपनी अद्वितीय भक्ति से सम्राट अकबर को भी नत मस्तक कर दिया था। उनके आविर्भाव दिवस पर आयोजित होने वाले स्वामी हरिदास संगीत एवम नृत्य महोत्सव में अपनी कला साधना से स्वामी जी को भावांजलि अर्पित करना हर कला साधक अपना सौभाग्य समझता है। महोत्सव का विधिवत शुभारंभ ब्रज विभूषित संत कार्षणी गुरु शरणानंद महाराज,संत राधाचरण दास महाराज,भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अरविंद मेनन ,राष्ट्रीय सह कोषाध्यक्ष नरेश चंद्र बंसल,महापौर विनोद अग्रवाल,आई जी आगरा रेंज दीपक कुमार,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडेय द्वारा दीप प्रज्वलन वेदपाठी विप्रो द्वारा उच्चरित वैदिक मंत्रोचार के मध्य हुआ। कार्षणी गुरु शरणानंद महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि स्वामी हरिदास संगीत और नृत्य महोत्सव का मंच स्वामी जी को सच्ची भावांजलि अर्पित करता है। क्योंकि इस मंच से भारतीय संगीत को जन जन तक पहुंचाने का कार्य किया जाता है। उन्होंने महोत्सव के उत्तरोत्तर वृद्धि की शुभकामना देते हुए कहा कि अन्य लोगों को भी शास्त्रीय संगीत के प्रचार प्रसार में सहयोग करना चाहिए। महोत्सव की शुरुआत प्रख्यात अभिनेत्री और कत्थक नृत्यांगना प्राची शाह पंड्या के नृत्य से हुई। अभिनेत्री प्राची शाह ने भगवान राधा कृष्ण की लीला पर आधारित ठुमरी के साथ कथक नृत्य से शुरुआत की । समाज राग में यह प्रस्तुति सुन संगीत प्रेमी भाव विभोर हो गए। राधा रानी का बिरह भाव देखने को मिला। जिसमें राधारानी कहती है कि श्याम मुझे छोड़कर कहां चले गए। इसके बाद अभिनेत्री ने तीन ताल विलय एवं द्रुत में नृत्य की मनोहारी प्रस्तुति दी। अभिनेत्री के साथ तबला पर यशवंत वैष्णव, पखावज पर मृणाल, सारंगी पर फारुख लतीफ खान, संगीता लहेरिया ने संगत दी। घुंघरुओं की झंकार के साथ तबले की थाप की संगत ने पूरे पंडाल को गुंजायमान कर दिया। महोत्सव में दूसरी प्रस्तुति प्रख्यात गायिका सुनंदा शर्मा ने दी। सुनंदा शर्मा के भजनों को सुन श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। इसके बाद पद्मश्री विजय घाटे ने वादन के जरिए स्वामी हरिदास जी को अपनी भावांजलि प्रस्तुत की।
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Author: Vijay Singhal
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