हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा-कासगंज रेलवे लाइन के दोहरीकरण को लेकर लंबे समय से चल रही प्रक्रिया में अब तेजी आ गई है। रेलवे ने 105 किलोमीटर लंबे ट्रैक के सर्वे कार्य को पूरा कर लिया है। इसमें यह पता लगाया गया है कि किन-किन स्थानों पर रेलवे की भूमि पर्याप्त है, ट्रैक विस्तार या एलीवेटेड लाइन बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता होगी। पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय गोरखपुर की ओर से इस परियोजना के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है। सर्वे में मौजूद पुल, पुलिया, स्टेशन, रेलवे क्रॉसिंग, ओवरब्रिज, अंडरपास और अन्य वस्तुस्थति का बारीकी से अध्ययन किया गया है। विशेष रूप से हाथरस, मुरसान और राया के बीच के हिस्से में रेलवे की जमीन अपेक्षाकृत कम होने के कारण भूमि अधिग्रहण एक बड़ी चुनौती बन सकता है। डीपीआर में यह भी दर्ज किया जा रहा है कि ट्रैक के दोनों ओर कितनी चौड़ाई की जरूरत होगी। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही तय किया जाएगा कि संकरी जगहों पर एलीवेटेड ट्रैक या डबल लाइन तैयार की जाए। कासगंज-मथुरा रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण को लेकर जहां एक ओर डीपीआर तैयार करने में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। इसमें हाथरस, मुरसान व राया में जमीन की उपलब्धता अहम है। वहीं दूसरी ओर मेंडू स्टेशन का महत्व भी बढ़ सकता है, क्योंकि मेंडू पर रेलवे की काफी भूमि है। इस स्टेशन से ही उत्तर मध्य रेलवे के दिल्ली हावड़ा ट्रैक को जोड़ा जाएगा। पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी, ने कहा, सर्वे में सबकुछ देखा गया है, इसमें यार्ड का प्लान बनाया गया है। कितने पुल हैं, कितने बनेंगे आदि सब कुछ देखा गया है। जल्द ही डीपीआर बनेगा, जो रेलवे बोर्ड को स्वीकृति के लिए जाएगा।
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Author: Vijay Singhal
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