हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से गोविंद नगर मौजा में करोड़ रुपये की जमीन पर हो रहे निर्माण पर सिविल जज जूनियर डिवीजन की कोर्ट ने एक माह के लिए स्टे लगा दिया है। इस दौरान भूमि पर किसी प्रकार का कोई निर्माण नहीं होगा। न ही किसी व्यक्ति के आने जाने पर कोई रोकटोक रहेगी। नगर निगम क्षेत्र के मौजा गोविंदपुर का है। यहां खसरा संख्या 74क, 74ख, 75क और 75 ख की भूमि नगर निगम व अन्य दो लोगों के नाम दर्ज है। इस जमीन में अपना हिस्सा अलग करवाने के लिए सह खातेदारों ने एसडीएम सदर न्यायालय में वाद दायर किया। एसडीएम सदर की कोर्ट ने एक नवंबर 2021 को भूमि बंटवारा करने का आदेश जारी कर दिया। नगर निगम ने इस आदेश के खिलाफ अपर आयुक्त द्वितीय आगरा मंडल के न्यायालय में अपील दायर की। अपील पर सुनवाई के बाद एक अगस्त 2023 को न्यायालय ने एसडीएम सदर की कोर्ट के आदेश को निरस्त कर दोबारा सुनवाई के आदेश दिए। इसके दो माह बाद ही 4 अक्तूबर 2023 को नगर निगम ने बिना न्यायालय के निर्णय के ही सह खातेदारों को कॉलोनी बसाने के लिए एनओसी जारी कर दी। एक तरफ निगम अपनी जमीन के लिए कोर्ट में मुकदमा लड़ता रहा और दूसरी ओर गुपचुप तरीके से एनओसी दे दी। एनओसी मिलने के बाद यहां कॉलोनी का निर्माण शुरू हो गया। पार्षद नीनू वर्मा, राजवीर सिंह, नीरज वशिष्ठ, ब्रजेश खरे, कुंज बिहारी भारद्वाज, चंद्रप्रकाश, नीरज निषाद ने न्यायालय सिविल जज जूनियर डिवीजन की कोर्ट में सिविल सूट दायर किया। इसमें उन्होंने कॉलोनाइजर व नगर निगम को प्रतिवादी बनाया है। बुधवार को कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए जमीन पर वादी, उनके परिजन, नगर निगम के स्थानीय निवासियों के प्रातः कालीन भ्रमण, खेलने कूदने, उठने-बैठने और आने जाने पर किसी प्रकार की रोक टोक न करने के लिए 16 मई 2025 तक स्टे लगा दिया है। अब मामले की सुनवाई 16 को होगी, जिसमें प्रतिवादियों से भी अपना पक्ष रखने को कहा है।
7455095736

Author: Vijay Singhal
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