याचिकाकर्ताओं की प्राथमिक शिकायत अभियोग आवेदन सितंबर के पहले सप्ताह से उच्च न्यायालय द्वारा लंबित रखे गए हैं, जबकि आदेश लगातार पारित किए जा रहे हैं। मंदिर के मामलों से संबंधित रिपोर्ट मांगी जा रही है। याचिकाकर्ताओं ने बताया कि उच्च न्यायालय द्वारा इस तरह की कार्यवाही संविधान के अनुच्छेद 14, 21, 25 और 26 के तहत उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। इसके अलावा याचिकाकर्ता राष्ट्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड बनाम अजय कुमार और अन्य और कस्तूरी बनाम उय्यपेरुमल और अन्य में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों पर भरोसा करते हुए मामले में तर्क देने को वे आवश्यक पक्षकार हैं और उन्हें सुने बिना की गई सभी कार्यवाहियां शून्य हैं। मामला सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पीठ ने जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला के साथ मामले को सोमवार 23 जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया। याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व स्वरूपमा चतुर्वेदी, वकील विदुला मेहरोत्रा, उत्सव सक्सेना, कवीश नायर, वर्धर्म चैंबर्स के शुभंकर सिंह, सौम्या कपूर, गोपी नागर ने किया।
