हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। वृंदावन में संत प्रेमानंद महाराज के दर्शन को बैठे श्रद्धालुओं को रात लगभग ढाई बजे उनके दर्शन हुए। रोजाना की तरह श्रद्धालु परिक्रमा मार्ग के दोनों ओर कतार लगाकर बैठ गए। कई घंटे के इंतजार के बाद आए संत प्रेमानंद के दर्शनों का लाभ उठाया। संत ने एकांतिक वार्ता में प्रकृति और सुमिरन के महत्व पर चर्चा की। श्रीराधे हित केलिकुंज आश्रम से अपनी छोटी परिक्रमा के लिए मार्ग पर पहुंचे तो बड़ी संख्या में श्रद्धालु उनका इंतजार करते मिले। संत प्रेमानंद के दर्शन होते ही श्रद्धालुओं ने उन्हें अभिवादन किया। कार्तिक मास और यम द्वितीया पर वृंदावन आए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने परिक्रमा मार्ग पर पहुंचकर उनका दर्शन लाभ प्राप्त किया। वहीं एकांतिक दर्शन के दौरान उन्होंने कहा कि एक छोटी सी जगह लीजिए। उसमें एक छोटा से पौधा लगाइए। प्रकृति काे संवार कर रखना होगा। प्रकृति के साथ हर रोज खिलवाड़ हो रहा है। प्रकृति को नहीं संजोया तो एक दिन ऑक्सीजन के सिलिंडर लेकर चलना होगा। मनुष्य को अपना शरीर स्वस्थ रखने के लिए सुबह दौड़ लगानी चाहिए। ईश्वर का सुमिरन करना होगा। आप भगवान के हो जाओ या भगवान को अपना बना लो। सबसे पहले तो नाम जप करना होगा। नवयुवक, युवतियां जितने भी भ्रमित हो रहे हैं उसके पीछे सिर्फ नशा ही है। इसके आदि व्याभिचार और व्यसन कर रहें हैं। ऐसे लोग सुख की स्थिति में भी दुखी रहेंगे। जो भजन कर रहे हैं वे दुख में सुखी होंगे।
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Author: Vijay Singhal
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