हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। नगर निकाय चुनाव को लेकर सबसे ज्यादा सरगर्मी भाजपा में है। पहले तक जो नेता अपनी मां, पत्नी, बहन और अन्य रिश्तेदारों को चुनाव मैदान में उतारना चाह रहे थे, वही अब बदले आरक्षण में खुद ही ताल ठोकने लगे हैं। अब उन्हें मेयर प्रतिनिधि नहीं वरन स्वयं मेयर कहलवाना पसंद आ रहा है। कई नेता तो ऐसे हैं, जिन्हें पार्टी कार्यकर्ता टिकट मिलने से पूर्व ही मेयर कहने लगे हैं। हालांकि बदले आरक्षण की व्यवस्था में उन महिलाओं को ठेस पहुंची हैं, जो पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर राजनीति में कदम बढ़ाना चाह रही हैं। मथुरा-वृदावन नगर निगम में मेयर का पद सामान्य जाति के लिए आरक्षित हो जाने से राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं। दिसंबर में जब यह सीट पिछड़ी जाति महिला के लिए आरक्षित हुई थी, तब कई नेता भले ही सामान्य वर्ग से थे पर उनकी पत्नी पिछड़े वर्ग से होने के कारण वह उन्हीं के सहारे चुनावी वैतरणी पार करना चाह रहे थे। इसके लिए उन्होंने पत्नी का बायोडाटा तैयार कर लखनऊ और दिल्ली हाईकमान तक पहुंचा दिया। हालांकि प्रोफाइल में पत्नी से ज्यादा उनके कार्यों का विवरण दिया गया था। पत्नी और बेटी को चुनाव मैदान में उतारने के लिए कई दिग्गज नेताओं में जनप्रतिनिधि भी शामिल थे। बदली परिस्थिति में मेयर पद अनारक्षित होने से ऐसे नेताओं ने स्वयं ताल ठोकने की तैयारी कर ली है। दोबारा से अपना बायोडाटा तैयार कराया जा रहा है। वहीं, गणेश परिक्रमा कर इन बायोडाटा को नेतृत्व तक पहुंचा रहे हैं। यह बात अलग है कि इस बायोडाटा में बातें और कार्य वही हैं जो पत्नी के बायोडॉटा में थे, फर्क सिर्फ इतना आया है की पत्नी का नाम हटाकर नेताजी ने स्वयं का लिख दिया है। जिले में कई नेता ऐसे हैं, जिन्होंने अंतरजातीय विवाह किया है। इसमें वह भले ही सामान्य जाति से हों पर उनकी पत्नी ओबीसी से आती हैं। जाट बिरादरी के नेता तो अपनी पत्नी और बेटी के लिए टिकट मांग ही रहे थे, कई वैश्य, ब्राह्मण और अन्य जातियों के नेता ऐसे भी हैं जिन्होंने अपनी ओबीसी पत्नी के सहारे स्वयं को मेयर के पद पर बैठने का ख्वाब पाला हुआ था। ऐेसे में सीट सामान्य होने के बाद अब वह फिर से चुनाव मैदान में ताल ठोकने लगे हैं। पार्टी नेता बायोडाटा तैयार कर लखनऊ और दिल्ली की दौड़ लगा रहे हैं। उन्हेें उम्मीद है कि पार्टी उनकी निष्ठा और पार्टी के प्रति वफादारी को देख चुनाव लड़ने का मौका देगी, वहीं कई नेता धन और बाहुबल के सहारे भी चुनाव में टिकट पानी की जुगत में लगे हुए हैं। इसमें उनके समर्थक भी उनके साथ जुटे हैं। हालांकि समर्थकों में कई ऐसे भी हैं जो अपने नजदीकी हर नेता का सहयोग इस भाव से कर रहे हैं
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Author: Vijay Singhal
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