हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। भीषण गर्मी की मार आमजन के साथ-साथ रोडवेज पर भी पड़ रही है। यात्री बसों में सफर से परहेज कर रहे हैं। इसके चलते यात्री भार में 10 प्रतिशत की गिरावट आई है। लू से बचने के लिए यात्री रोडवेज बसों की बजाय रेल में यात्रा को तरजीह दे रहे हैं। बृहस्पतिवार को पुराने बस अड्डे से बेहद कम संख्या में यात्रियों को लेकर बसें गंतव्य को रवाना हुईं। मौसम की मार से मथुरा डिपो के अधिकारी परेशान हैं। बसों में यात्री भार 10 प्रतिशत कम होने से राजस्व पर असर पड़ रहा है। पुराने बस अड्डे से अलीगढ़, हाथरस, मेरठ, बरेली, हरिद्वार, मुरादाबाद, कासगंज समेत कई अन्य रूटों पर बसों का संचालन किया जाता है। वरिष्ठ स्टेशन प्रभारी गोपाल दास ने बताया कि बसों में यात्रियों की संख्या 10 प्रतिशत तक कम हो गई है।यात्री संख्या बढ़ाने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है। चालक-परिचालकों को भी निर्धारित स्टॉप से सवारियां बैठाने के लिए निर्देशित किया गया है। उधर, भीषण गर्मी में यात्री बस की बजाय ट्रेन में सफर को अहमियत दे रहे हैं। वजह यह है की ट्रेन बस की बजाय जल्दी गंतव्य तक पहुंचा देती है। ट्रेन का किराया भी बस की तुलना में काफी कम है। सफर के दौरान ट्रेन में बस की अपेक्षा गर्मी कम लगती है। खिड़कियां टूटी, लू से नहीं हो रहा बचाव
रोडवेज की अधिकतर बसों की हालत खराब है। दरवाजे अच्छी तरह से बंद नहीं होते। खिडकियों के शीशे ढीले हैं, जो बसों के चलने के दौरान खुल जाते हैं। इसकी वजह से यात्रियों को लू के थपेड़े झेलने पड़ते हैं। खिड़कियां सही भी है तो उनके ऊपरी हिस्से पर कलर पट्टी नहीं है ताकि सीधी धूप से बचाव हो सके। धूप से बचने के लिए लोग अपने तौलिये, साफी को खिड़कियों के आगे लगाते हैं।
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Author: Vijay Singhal
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