हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। नकटा बतखों ने प्रजनन के लिए आगरा-मथुरा की सीमा पर 64 हेक्टेयर में फैले जोधपुर झाल को अपना आशियाना बना लिया है। सैकड़ों की संख्या में जोधपुर झाल आई नकटा बतखों ने पहली बार अपना ठिकाना बनाया है। इन्हें कंघी बतख भी कहा जाता है। इनमें नर व मादा नाब-बिल्ड डक (नकटा या कंघी बतख) जोधपुर झाल में डेरा डाले हुए हैं। वेटलैंड हेविटाट व भोजन की उपलब्धता के कारण इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जैव विविधता का अध्ययन करने वाली संस्था बायोडायवर्सिटी रिसर्च एंड डेवलपमेंट सोसाइटी के पक्षी विशेषज्ञ डाॅ. केपी सिंह के अनुसार नॉब-बिल्ड डक का वैज्ञानिक नाम सरकिडियोर्निस मेलानोटोस है। इसे भारत में नकटा या कंघी बतख नाम से भी पुकारा जाता है। नर की चोंच के ऊपर पत्ती के आकार की कंघी होती है इस कारण इसका नाम नाब-बिल्ड रखा गया है। यह बड़े आकार के बतख हैं। इनके पंखों के किनारों बैंगनी, कांस्य और हरे रंग का होता है। सिर का रंग दूधिया सफेद और गर्दन नारंगी-पीले रंग की होती है। मानसून पूर्व नाब-बिल्ड डक का प्रजनन प्रारंभ हो जाता है। इनका प्रजनन जून से सितंबर तक रहता है। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के पर्यावरण विशेषज्ञ मुकेश शर्मा ने बताया कि जोधपुर झाल पर जल निकायों व सोलर पंप से पानी की पर्याप्त व्यवस्था से गर्मी में सैकड़ों पक्षियों ने डेरा जमा रखा है। यहां प्राकृतिक रूप से जलीय जीव व वनस्पतिक भोजन उपलब्ध है।
7455095736

Author: Vijay Singhal
50% LikesVS
50% Dislikes