हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। बेसिक शिक्षा विभाग में निलंबन की मार झेल रहे शिक्षकों की फाइलें एक साल से दफ्तरों में दबी पड़ी हैं। जिले में 50 से अधिक शिक्षक अब भी निलंबित हैं। इनमें कई ऐसे शिक्षक शामिल हैं, जिनकी गुण दोष के आधार पर जांच आख्या आ चुकी हैं, लेकिन विभाग ने अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है। न दोषी को सजा, न निर्दोष की बहाली की गई है। विभागीय जानकारी के अनुसार जिन शिक्षकों की जांच आख्या आ चुकी है, उनकी फाइलें कार्यालय में अटकी हुई हैं। स्थिति यह है कि कुछ शिक्षकों को 50 प्रतिशत तो कुछ को 75 प्रतिशत तक का वेतन दिया जा रहा है। ऐसे में स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है और शिक्षक घर बैठे हैं। जानकारी ये भी है कि बीएसए ने करीब एक माह पहले अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया पेज पर निलंबित शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने की बात लिखी थी। मगर एक माह गुजर जाने के बाद भी प्रक्रिया कछुआ चाल में है। विभागीय की सूत्रों की मानें तो ब्लॉकों के मुख्यालयों पर कुछ ऐसे निलंबित शिक्षक भी डटे हैं जो कि जानबूझकर अपनी जांच आख्या रिपोर्ट लगने ही नहीं दे रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि उनकी खंड शिक्षा अधिकारियों से साठगांठ है। वे अपना 75 प्रतिशत या फिर उससे अधिक का निलंबन भत्ता ले रहे हैं। उनकी नौकरी को भी 2 या फिर 3 साल बचे हैं। ऐसे में रिटायरमेंट होने से पूर्व वे अपनी जांच आख्या रिपोर्ट पक्ष में लगवाकर बहाली कराएंगे और पूरा वेतन पा लेंगे। निलंबित शिक्षकों के प्रकरणों की समीक्षा की जा रही है। कुछ रिपोर्ट्स अपूर्ण थीं, जिन्हें संबंधित अधिकारियों से पुनः मांगा गया है। जल्द सभी मामलों पर निर्णय लेकर कार्रवाई की जाएगी।
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  Author: Vijay Singhal
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