हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। वृंदावन की चैतन्य विहार कॉलोनी में दंपती को बंधक बनाकर 20 लाख रुपये के जेवरात और नकदी लूट के मामले में नया नौकर और उसका भाई आरोपी निकला। वृंदावन पुलिस और एसओजी ने झारखंड सीमा से लगे बिहार के बांका जिले से दोनों को गिरफ्तार करके कब्जे से लूटे गए 10 लाख रुपये के जेवरात और 20 हजार रुपये नकदी बरामद की है। एक आरोपी फरार है। गुरुवार को लूटकांड का खुलासा करते हुए एसपी सिटी मार्तंड प्रकाश सिंह ने बताया कि 28 सितंबर की रात चैतन्य विहार कॉलोनी निवासी विजय गर्ग और उनकी पत्नी रस्सी से बांधकर घर से 10 लाख रुपये की नकदी और इतनी ही धनराशि के जेवरात लूट लिए गए थे। विजय ने इस मामले में अपने पुराने नौकर समेत अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने जांच के बाद आरोपी उमेश यादव और राजेश यादव (निवासी जिला बांका बिहार) को गिरफ्तार किया। इनके कब्जे से तीन सोने की चेन, एक सोने का ब्रेसलेट, चार सोने के सिक्के, तीन सोने के कान की रिंग, दो सोने की चूड़ी, दो सोने व डायमंड की चूड़ी, 11 चांदी के सिक्के, चांदी का कटोरा और 20 हजार रुपये नकद बरामद किए। तीसरा आरोपी रंजन यादव फरार है। यह राजेश का भाई है।
सीओ सदर प्रवीण मलिक ने बताया कि नए नौकर राजेश ने दंपती को बंधक बनाकर दुस्साहसिक वारदात को अंजाम दिया था। विजय गर्ग के यहां काम करने वाला नौकर मदन घर में शादी के लिए छुट्टी मांग रहा था। इस पर विजय की पत्नी ने कोलकाता निवासी बहन से नौकर उमेश यादव के बारे में बातचीत की। उसे काम पर आने के लिए कहा। इसके बाद उमेश ने अपनी जगह राजेश यादव को वृंदावन भेज दिया। उसके वृंदावन पहुंचने से पहले विजय की पत्नी हेमलता से संपर्क किया और अपना नया नंबर बताया। 15 सितंबर को राजेश उमेश बनकर विजय के घर पहुंचा। 25 सितंबर तक राजेश ने पुराने नौकर मदन से काम सीखा और उसके छुट्टी पर जाने के बाद तीसरे दिन ही घटना को अंजाम दे दिया।
सीओ सदर प्रवीण मलिक ने बताया कि अगर नौकर का पुलिस सत्यापन कराया जाता तो यह घटना नहीं होती। सीओ ने लोगों को सलाह भी दी कि नौकर रखने से पहले उसका पुलिस से सत्यापन जरूर कराएं। सत्यापन के बाद नौकर को डर रहेगा कि कोई वारदात की तो पुलिस तुरंत पकड़ लेगी।
सीओ सदर प्रवीण मलिक ने बताया कि अगर नौकर का पुलिस सत्यापन कराया जाता तो यह घटना नहीं होती। सीओ ने लोगों को सलाह भी दी कि नौकर रखने से पहले उसका पुलिस से सत्यापन जरूर कराएं। सत्यापन के बाद नौकर को डर रहेगा कि कोई वारदात की तो पुलिस तुरंत पकड़ लेगी।
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Author: Vijay Singhal
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