हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। वन महोत्सव कार्यक्रम के तहत जिले का लक्ष्य 3697919 पौधे लगाने का था। जिलेवासियों व सरकारी विभागों ने उत्साह दिखाया तो करीब 90 हजार पौधे अधिक रोपते हुए लक्ष्य के सापेक्ष 3787543 पौधे लगाए गए हैं। अब इनको संरक्षित करने पर जोर है। मथुरा ने प्रदेश में नाम रोशन कर दिया है। मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के सचिव अरविंद कुमार द्विवेदी ने विभागीय अभियंताओं के साथ गरुण गोविन्द मंदिर के आस पास पौधारोपण किया।
डीएम शैलेन्द्र सिंह के सख्त आदेश दिए हैं कि सभी विभाग हरितिमा एप पर जियो टैगिंग कर इनका डाटा फीड करें। मगर एप ठीक से काम नहीं किया। छुट्टी होने के चलते काम नहीं हो सका। डीएम ने सख्ती के साथ आदेशित किया कि जल्द डाटा फीड कर विभाग अवगत कराएं।
जिला वन अधिकारी रजनीकांत मित्तल ने बताया कि हरितिमा एप पर डाटा फीडिंग/जियो टैगिंग का उद्देश्य पौधों को जिंदा रखकर हरियाली विकसित करने का है। उन्होंने बताया कि जब कोई पौधा एक से दूसरी जगह पर खोदकर लगाया जाता है तो उसे बचाने को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। अभी जो पौधे लगाए गए हैं उनको जिंदा रखने को अधिक परवरिश करनी होगी। खास तौर पर दो सप्ताह तक देखरेख करनी होगी। जिन-जिन विभागों ने पौधरोपण किया है। उनको अपने पौधरोपण अभियान को जियो टैग करना होगा। हरितिमा एप पर डाटा फीड करना होगा। कहां पर किस प्रजाति का कितना बड़ा पौधा लगाया। पूरा डाटा भरना होगा। शनिवार को एप पर अधिक लोड के चलते खराबी आ गई। एप नहीं खुल सका। इसलिए पौधों को जियो टैग नहीं किया जा सका। अब फिर से विभागों को मेहनत करनी होगी। क्योंकि 15 दिन के बाद टीम शासन स्तर से एक-एक पेड़ की मॉनिटरिंग शुरू करेगी। पेड़ों का सत्यापन होगा।
डीएम शैलेन्द्र सिंह के सख्त आदेश दिए हैं कि सभी विभाग हरितिमा एप पर जियो टैगिंग कर इनका डाटा फीड करें। मगर एप ठीक से काम नहीं किया। छुट्टी होने के चलते काम नहीं हो सका। डीएम ने सख्ती के साथ आदेशित किया कि जल्द डाटा फीड कर विभाग अवगत कराएं।
जिला वन अधिकारी रजनीकांत मित्तल ने बताया कि हरितिमा एप पर डाटा फीडिंग/जियो टैगिंग का उद्देश्य पौधों को जिंदा रखकर हरियाली विकसित करने का है। उन्होंने बताया कि जब कोई पौधा एक से दूसरी जगह पर खोदकर लगाया जाता है तो उसे बचाने को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। अभी जो पौधे लगाए गए हैं उनको जिंदा रखने को अधिक परवरिश करनी होगी। खास तौर पर दो सप्ताह तक देखरेख करनी होगी। जिन-जिन विभागों ने पौधरोपण किया है। उनको अपने पौधरोपण अभियान को जियो टैग करना होगा। हरितिमा एप पर डाटा फीड करना होगा। कहां पर किस प्रजाति का कितना बड़ा पौधा लगाया। पूरा डाटा भरना होगा। शनिवार को एप पर अधिक लोड के चलते खराबी आ गई। एप नहीं खुल सका। इसलिए पौधों को जियो टैग नहीं किया जा सका। अब फिर से विभागों को मेहनत करनी होगी। क्योंकि 15 दिन के बाद टीम शासन स्तर से एक-एक पेड़ की मॉनिटरिंग शुरू करेगी। पेड़ों का सत्यापन होगा।
7455095736
Author: Vijay Singhal
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