• Thu. Oct 30th, 2025

मथुरा। ठाकुर केशवराय-जामा मस्जिद प्रकरण में पुरातत्व विभाग अदालत में हुआ हाजिर

ByVijay Singhal

Jan 31, 2023
Spread the love
हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिघल
मथुरा। ठाकुर केशवराय के श्री विग्रहों को आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों से बाहर निकालने संबंधी वाद मेें पुरातत्व विभाग के अधीक्षक ने अदालत में न केवल वकालतनामा लगाया, बल्कि केस से संबंधित कागजात भी मांगे। अदालत में अब इस मामले में 15 फरवरी को सुनवाई होगी।
अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दावा किया कि औरंगजेब ने मंदिर विध्वंस के बाद ठाकुर केशवराय के विग्रह को आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबा दिया गया है। उन्होंने पुरातत्व विभाग, यूनियन ऑफ इंडिया केंद्रीय सचिव दिल्ली, डायरेक्टर जनरल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, अधीक्षक भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण आगरा मॉल रोड, निदेशक भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण मथुरा म्यूजियम रोड को प्रतिवादी बनाया है।
सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में अधीक्षक भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण आगरा द्वारा अधिवक्ता खरग सिंह छोंकर का वकालतनामा दाखिल किया। अधिवक्ता के माध्यम से केस के कागजात भी मांगे गए हैं। पक्षकार अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि अधिवक्ताओं के नो वर्क के चलते सुनवाई नहीं हो सकी। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 15 फरवरी की तारीख तय की है।
मनीष यादव के वाद मेें लगी 8 फरवरी
लखनऊ निवासी हिंदूवादी मनीष यादव के श्रीकृष्ण जन्मस्थान-ईदगाह प्रकरण के वाद मेें अदालत में सुनवाई नहीं हो सकी। अदालत में केस के स्थायित्व को लेकर आदेश 7 नियम 11 पर दोनों पक्ष अपनी-अपनी बहस पूरी कर चुके हैं। अदालत को इस पर अग्रिम कार्रवाई करनी थी लेकिन बार द्वारा शोकावकाश होने के कारण केस में सुनवाई नहीं हो सकी। श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ जमीन पर दावा करते हुए वादकारी मनीष यादव ने ईदगाह को हटाने की मांग दावे में की है। इस मामले में उनके द्वारा ईदगाह की अमीन रिपोर्ट तथा पुरातात्विक सर्वे की मांग अदालत से की है। इससे पूर्व अदालत में केस के स्थायित्व को लेकर आदेश 7 नियम 11 पर सुनवाई पुरी हो चुकी है। अधिवक्ता दीपक देवकीनंदन शर्मा ने बताया कि केस मेें अब 8 फरवरी को सुनवाई होगी।
7455095736
Vijay Singhal
Author: Vijay Singhal

50% LikesVS
50% Dislikes

Leave a Reply

Your email address will not be published.