हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। दिवाली पर वृंदावन के भगवान राधावल्लभ चांदी की हटरी में विराजमान हो कर भक्तों को दर्शन देते हैं। चांदी की हटरी में राजशाही अंदाज में राधावल्लभ लाल जू महाराज विराजमान होते हैं और उनके सामने बिछाई जाती है चौसर। मंदिर के पुजारी पासे फेंकते हैं और चले जाते हैं दांव। चौसर में जीत हार का यह खेल शयन भोग आरती तक खेला जाता है। भगवान राधा वल्लभ लाल के समक्ष दिवाली को चौसर बिछाई जाती है। यहां मंदिर के दो पुजारी भगवान कृष्ण और राधारानी के प्रतिनिधि के रूप में आमने सामने बैठते हैं। दिवाली के दिन श्रृंगार आरती से शुरू होने वाला यह खेल शयन भोग आरती तक चलता है। मंदिर में शह मात का खेल घंटों तक चलता है लेकिन मान्यता एसी है कि इसमें जीत राधारानी की ही होती है। क्योंकि कहा जाता है कि वृंदावन राधा रानी का निज धाम है और यहां सत्ता राधारानी की ही चलती है। मंदिर के गोस्वामी मोहित मराल ने बताया कि यह परंपरा मंदिर में करीब 500 वर्षों से चल रही है।