हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा स्थित उत्तर प्रदेश पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान (वेटरनेरी विश्वविद्यालय) में रविवार को नेशनल एकेडमी ऑफ डेरी साइंस का सातवां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। डेयरी क्षेत्र में 14 वैज्ञानिकों को फेलोशिप तथा सोलह को एसोसिएशन फेलोशिप प्रदान की। मुख्य अतिथि पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने पुरातन काल से आधुनिक युग तक गो-मूत्र एवं गाय के गोबर के धार्मिक महत्व को बताया। देश की अर्थव्यवस्था में कृषि एवं डेयरी क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद में योगदान बताते हुए विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों से प्रदेश को अंडे एवं मछली के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कहा। किसानों की तरक्की के लिए पंचगव्य उत्पादों को बढ़ावा देने पर बल दिया। विशिष्ट अतिथि गुरु अंगददेव वेटरनेरी एंड एनिमल साइंस यूनीवर्सिटी लुधियाना के कुलपति डॉ. वीके तनेजा ने देशी गाय के संरक्षण एवं संवर्धन को और अधिक प्रभावी बनाने पर बल दिया। फीड इंडस्ट्री को भी सुदृढ़ करने के लिए नीतियां बनाने पर जोर दिया। कहा कि किसान और पशु पालकों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए पंचगव्य उत्पादों को बढ़ावा दिया जाना जरूरी है। उद्योगपतियों से कीटनाशक एवं घातक रसायनों को गो-मूत्र एवं गोबर से प्रतिस्थापित किए जाने के बारे में कहा। एकेडमी के अध्यक्ष डॉ. एके श्रीवास्तव व सचिव डॉ. आरके मलिक ने एकेडमी की भूमिका एवं उपयोगिता के विषय में जानकारी दी। मथुरा एलपीटी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विकास पाठक को डेयरी क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्योँ के लिए फेलोशिप प्रदान कर सम्मानित किया। सेक्रेट्री नेशनल डेयरी साइंस डॉ. एके त्यागी, राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान करनाल के निदेशक एवं कुलपति डॉ. धीर सिंह, डॉ. एमएस चौहान कु लपति पंतनगर, डॉ. रामेश्वर सिंह कु लपति पटना, बिहार शामिल हुए।
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Author: Vijay Singhal
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