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16 साल पुराने हत्याकांड में 7 दोषियों को उम्रकैद

ByVijay Singhal

Mar 14, 2024
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हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। प्रधानी की रंजिश में बलदेव थाना क्षेत्र के ग्राम सेलखेड़ा में 16 वर्ष पूर्व पुरानी रंजिश में हुई महिला की गोली मारकर हत्या के मुकदमे में बुधवार को एडीजे-4 डाॅ. पल्लवी अग्रवाल की कोर्ट से सात दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। इनमें से छह पर 50-50 हजार रुपये और एक पर 40 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। एक आरोपी की ट्रायल के दौरान मौत हो चुकी है। अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता एडीजीसी हेमेंद्र भारद्वाज ने बताया कि रनवीर सिंह पुत्र गजराज द्वारा दर्ज मुकदमे के अनुसार बलदेव थाना क्षेत्र के ग्राम सेलखेड़ा में पुरानी रंजिश को लेकर 1 अक्तूबर 2008 की सुबह 7 बजे धर्मवती पत्नी कारे सिंह की गोली मारकर हत्या की गई। परिवार के अन्य लोगों को घायल किया गया। मुकदमे में गांव के जगदीश पुत्र खेमचंद, जगदीश सिंह पुत्र भाव सिंह जाट, भूरा सिंह पुत्र एदल सिंह, हरिप्रसाद पुत्र गुलाब सिंह, इंद्रजीत सिंह पुत्र नाहर सिंह, सुखराम सिंह पुत्र भाव सिंह, प्रेम सिंह पुत्र भगवान सिंह जाट व धर्मेन्द्र कुमार सिंह पुत्र राजन सिंह जाट को नामजद किया गया। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा व इनके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की।

मुकदमे के ट्रायल के दौरान जगदीश पुत्र खेमचंद की मौत हो गई। कोर्ट ने साक्ष्यों व गवाही के आधार पर जगदीश पुत्र भाव सिंह जाट, भूरा सिंह, हरिप्रसाद, इंद्रजीत सिंह, सुखराम सिंह, प्रेमसिंह व धर्मेन्द्र कुमार सिंह को धर्मवती की हत्या का दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। 6 अभियुक्तों को हत्या के साथ साथ अवैध असलहा रखने का भी दोषी करार देते हुए सभी पर 50-50 हजार रुपये अर्थदंड लगाया है। वहीं सुखराम पर 40 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। एडीजीसी के अनुसार सभी आरोपी जमानत पर थे। सजा सुनाए जाने के बाद अदालत ने सभी को सजाई वारंट जारी किया। पुलिस ने सभी को कोर्ट से ले जाकर जेल में दाखिल किया। एडीजीसी हेमेंद्र भारद्वाज ने बताया कि वादी रनवीर सिंह की मां 2007 में प्रधान थीं। दोषी पक्ष पूर्व प्रधान था। रनवीर की मां शकुंतला के खिलाफ दोषी पक्ष अविश्वास प्रस्ताव ले आया था। इसको लेकर इन दोनों के बीच रंजिश हुई। मुकदमा वादी रनवीर ने घटना वाले दिन का मुकदमे में उल्लेख किया गया है कि उसका भाई देवस्वरूप शौच के लिए जा रहा था। दोषी पक्ष ने उसे अपने घर के सामने घेर लिया और उक्त रास्ते के बजाए दूसरे रास्ते से जाने को कहा। इसी बात पर वहां गहमागहमी हुई और देवस्वरूप अपनी जान बचाकर अपने घर की ओर भागा। पीछे दोषी पक्ष हथियारों से लैस होकर आया और उसके घर आकर अंधाधुंध फायरिंग की। इसमें सात से अधिक लोग घायल हुए थे। धर्मवती की जिला अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई।
एडीजीसी के अनुसार कुल 20 गवाह कोर्ट में पेश किए गए। इनमें से सात तो पुलिस विवेचक, दो डॉक्टर व तथ्य के गवाह के अलावा अन्य स्वतंत्र गवाह थे। कुछ गवाह पक्षद्रोही हो गए। मगर, अदालत ने 3 कंटस्थ गवाहों की गवाही और साक्ष्यों के आधार पर सजा सुनाई है।

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Vijay Singhal
Author: Vijay Singhal

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